स्वतंत्रता दिवस पर कोरोना रोबोटिक्स मेला, इन 250 उपकरण को सीख चाइनाीज सामानों को कर सकते हैं बायकॉट

आज पूरा देश 74 वां स्वतंत्रता दिवस को काफी धूमधाम के साथ मनाया। वहीं, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कोरोना रोबोटिक्स मेले का आयोजन किया गया, जो आज से लेकर अगले सात दिनों तक चलने वाली है।
कोरोना महामारी की दौर में भीड़ एकत्रित न हो, इसके लिए मेले को डिजिटल के जरिए आयोजन किया गया है। लोग ऑनलाइन के माध्यम से जु़ड़कर इस मेले का भरपूर ज्ञान हासिल कर सकते हैं। आपको बता दें कि यह मेला किसी मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि लोगों के अंदर कुछ नया सीखने की प्रेरणा में मदद करना है।
खासकर लोगों को ऐसे उपकरण के बारे में सीखाना है, जो अधिकतर लोग इसे चाइना से खरीदते हैं। इसलिए ऐसे सामानों को सीखाकर चाइनीज सामानों को हम आसानी से बहिष्कार कर सकते हैं।
मेले में किन-किन उपकरणों को किया गया शामिल
इस मेले में एंटी कोरोना ड्रोन, डिसइंफेक्टेंट रोबोट जैसे 250 से ज्यादा छोटे-बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल किए गए हैं। इन उपकरणों में ज्यादातर उसे चीजों को शामिल किया गया है, जो खुद न बनाकर चाइना से खरीदते हैं।
ऐसे में इन उपकरणों को बनाने और इसका सही इस्तेमाल के बार में सीखकर आत्मनिर्भर बने। वहीं, मेले के आयोजक मिलिंद राज का कहना है कि मेले का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प को पूरा करना है। इन उपकरणों का प्रयोग घर पर किया जा सकता हैं।
इन सोशल मीडिया के जरिए भी जुड़ा जा सकता है
मिलिंद राज का कहना है कि कोरोना रोबोटिक्स मेले के तहत घर पर ऑनलाइन के तहत इलेक्ट्रॉनिक प्रोजेक्ट बनाना सिखाया जा रहा है। इसमें ज्यादातर उन उपकरण को शामिल किया गया है, जो हमसब चाइना से खरीदते हैं।
ऑनलाइन के माध्यम से इस मेले से जुड़ने के लिए ज़ूम एप और व्हाट्सएप कॉल की सुविधा दी गई है। इसके लिए वेबसाइट www.roboz.in और www.milindraj.com पर जाकर पूरी जानकारी ली जा सकती हैं। ऑनलाइन के माध्यम से इस मेले में अभी तक करीब 100 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं।
मिलिंद राज को बचपन से उपकरण बनाने का शौक
मिलिंद राज गोमतीनगर के विभूतिखंड के रहने वाले हैं। वे बचपन से ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने का शौक रखा करते थे। इसी शौक के तहत अभी तक 300 से ज्यादा उपकरण बना चुके हैं और अभी के मेले आयोजन में लगे सभी उपकरण इनके द्वारा ही बनाया गया है।
सबसे हैरानी की बात है कि मिलिंद इंजीनियर के नहीं बल्कि विधि के छात्र है।
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