यूपी में 54 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी नहीं पहुंचे वैक्सीन लगवाने, ये रही वजह...

उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में 1,01,006 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया। हालांकि 54 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी ऐसे रहे, जो कि वैक्सीन लगवाने पहुंचे ही नहीं। पहले चरण में भी करीब 9 हजार स्वास्थ्यकर्मियों ने टीकाकरण से नदारद रहे थे। अब सवाल यह है कि जहां एक ओर दुनियाभर के देश अपनी ज्यादा से ज्यादा आबादी को कोरोना का टीका लगवाने की होड़ में हैं, वहीं हमारे यहां स्वास्थ्यकर्मी इससे परहेज क्यों कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसके पीछे का कारण कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइनस को माना जा रहा है। जो गाइडलाइनस जारी की गई हैं, उनमें यह भी कहा गया है कि अगर तबीयत खराब है या किसी प्रकार की एलर्जी है तो टीकाकरण न कराएं। स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े होने के बावजूद कई स्वास्थ्यकर्मी यह भी सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि टीका पूरी तरह से सुरक्षित है या नहीं। दूसरे चरण में हुए टीकाकरण के दौरान कई जगह पर ऐसे मामले सामने आए, जहां कुछ स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना टीकाकरण कराने के बाद चक्कर और उल्टी आने जैसी शिकायतें हुईं। फतेहपुर के हरदों अस्पताल के सीएमओ गोपाल माहेश्वरी के मुताबिक जिले में 19 स्वास्थ्यकर्मी ऐसे रहे, जिन्हें इस तरह की दिक्कतें आईं, लेकिन यह मामूली साइड इफेक्ट हैं और सभी स्वास्थकर्मी स्वस्थ हैं। वहीं, कानुपर देहात में झींझक स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि उनके यहां एक महिला डॉक्टर ने टीका लगवाने से इनकार किया है।
1537 बूथों पर हुआ वैक्सीनेशन
प्रदेश में दूसरे चरण के तहत 1537 बूथों पर वैक्सीनेशन कार्य हुआ। कुल 155270 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीनेशन के लिए बुलाया गया था, लेकिन इनमें से केवल 101006 कर्मचारियों ने ही टीका लगवाया। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार के मुताबिक हर गुरुवार और शुक्रवार को भी कोरोना वैक्सीनेशन के टीके लगाए जाएंगे। वहीं दूसरे चरण में जिन कर्मचारियों को टीका लग चुका है, उन्हें इसकी दूसरी डोज 19 फरवरी को लगाई जाएगी।
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