धरने पर बैठा 20 सालों से मृत यह शख्स! तो सीएम योगी ने लिया संज्ञान, अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों में मचा हड़कंप

बॉलीवुड फिल्म जॉली एलएलबी 2 में आप ने देखा होगा कि कैसे एक बुजुर्ग को दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया जाता है। और वह खुद को जीवित साबित करने के लिए तमाम तहसील और कोर्ट के चक्कर काटता है। अब इसी तरह का एक मामला यूपी के मिर्जापुर में सामने आया है। जहां एक शख्स खुद को जिंदा साबित करने के लिए धरने पर बैठा है। मीडिया में मामला सामने आने पर इसका संज्ञान खुद सीएम योगी ने ले लिया है। मुख्यमंत्री ने शासन के इंटरनेट मीडिया लखनऊ के माध्यम से जिलाधिकारी को निर्देशित किया। जिसके बाद महकमे में हड़कंप मच गया है। इतना ही नहीं सीएम ने धरने पर बैठे भोला के जल्द से जल्द खतौनी में नाम दर्ज करने के आदेश दिये है। इसके साथ ही मामले में दोषी पाये जाने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
दरअसल, यूपी के मिर्जापुर जिले की मड़िहान तहसील के अमोई गांव में भोला सिंह परिवार के साथ रहते हैं। भोजा सिंह और राजनारायण दो भाई है। इनमें भोला बडे भाई है। आरोप है कि आज से 21 साल पूर्व यानि 24 दिसंबर 1999 में राजस्व निरीक्षक और लेखपाल अमोई ने उन्हें अपनी रिपोर्ट में मृत दिखाकर उनकी सारी जमीन को उनके भाई राजनारायण के नाम पर चढ़ा दिया था। इसके कुछ सालों बाद राजनारायण ने 27 बिस्वा जमीन में से 10 बिस्वा जमीन बेच दी तो भोला ने इसका विरोध किया। इस पर उसके भाई राजनारायण ने दावा किया कि सारी जमीन उसके नाम है। इसमें तुम्हारा कोई हिस्सा नहीं है। इस पर भोला ने तहसील से लेकर खतौनी की जांच की तो पता चला कि उसमें भोला को मृत घोषित किया हुआ है।
15 साल तक खुद को मृत से जिंदा होने के दावे की जंग लड़ रहे हैं भोला
भोला आज से नहीं बल्कि खुद के साथ हुए इस धोखे का पता लगने के बाद से ही प्रशासन से लेकर शासन में मौजूद अधिकारियों से खुद के जीवित होने की गुहार लगा रहे हैं। वह पिछले 15 सालों से ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सरकारी अधिकारी से लेकर कर्मचारी उन्हें टरकाते रहे हैं। उन्होंने कीाी इसी जांच करने तक की जहमत तक नहीं उठाई। इस पर भोला ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। यहां पिछले 15 साल से उनका केस चल रहा है। यहां वह हर तारीख पर जाने के साथ ही तमाम बार तहसीलदार के सामने खडे होकर अपने जीवित होने का प्रमाण देते हैं, लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं भोला ने इस मामले में राजस्व निरीक्षक और लेखपाल के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की, लेकिन उन्हें यहां से भी टरका दिया गया।
मुख्यमंत्री के संज्ञान लेते ही हरकत में आए अधिकारी
सालों से खुद को जीवित साबित करने की जंग लड़ रहे भोला एक बार फिर से जिला मुख्यालय के सामने धरने पर बैठे थे। यहां मीडिया ने इसको उठाया तो मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में पहुंचा। सीएम ने तुरंत लखनऊ जिलाधिकारी को इस संबंध में जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिये। जिसके बाद से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। वहीं पिछले 20 सालों से दस्तावेजों में मृत चल रहे भोला को जीवित होने की संभावना मिली है। इसके साथ ही सीएम ने इस मामले में एक हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है।
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