उन्नाव रेप केस: ईलाज के दौरान पीड़िता के वकील की मौत, आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर जेल में बंद

Unnao Rape Case: पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा पा चुके हैं। लेकिन एक बार फिर से कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ दर्ज मामला एक बार फिर से सुर्खियों आ गया है। जानकारी केमुताबिक करीब 16 महीने तक कोमा में रहने के बाद रेप पीड़िता की ओर मामला लड़ने वाले वकील जिंदगी से जंग हार चुके हैं। याद रहे पीड़िता के वकील महेन्द्र सिंह 28 जुलाई 2019 को यूपी के रायबरेली जिले में एक ट्रक व कार के बीच हुई भीषण आमने - सामने की भिडंत में बुरी तरह से जख्मी हुये थे। वहीं उसकी दिन से वकील महेन्द्र सिंह कोमा थे और सोमवार को वकील महेंद्र सिंह की जिला अस्पताल में मौत हो गई है। इस सड़क दुर्घटना में पीड़ित लड़की और मौसी की मौतें हो चुकी हैं।
ऐसा बताया जाता की उस सड़क हादसे के दौरान पीड़िता अपने वकील महेन्द्र सिंह, चाची और मौसी के साथ जेल में बंद अपने चाचा से मुलाकात करने के लिये जा रही थी। उसी दौरान यह सड़क दुर्घटना हो गई। जिसमें पीड़िता भी बुरी तरह से जख्मी हुई थी। उसे बेहर उपचार के लिये दिल्ली भी लाया गया था।
रायबरेली जिले में गुरबख्श गंज थाना क्षेत्र के अंतगर्त अतरुआ गांव के पास ट्रक व कार के बीच आमने सामने भीषण टक्कर हो गई। इस सड़क दुर्घटना के दौरान रेप पीड़ित युवती की चाची व मौसी की मौत हो गई थी। सड़क दुर्घटन के दौरान बुरी रूप से जख्मी हुये वकील महेंद्र सिंह कोमा में चले गए थे। बताया जाता है कि गंभीर रूप से जख्मी हुई पीड़ित युवती व उसके वकील को बेहतर उपचार के लिए लखनऊ से दिल्ली शिफ्ट किया गया था। कोमा में चल रहे वकील महेन्द्र सिंह को वर्ष 2020 फरवरी महीने में लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया गया था। बताया जाता है कि कोरोना काल में लोहिया अस्पताल से वकील महेन्द्र सिंह को उनके घर भेज दिया गया था।
जानकारी के अनुसार बीती रात को उनकी तबीयत बिगड़ने पर उनके परिवार वाले वकील महेंद्र सिंह को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उपचार के दौरान वकील महेन्द्र सिंह की मौत हो गई। बताया जाता है कि महेंद्र सिंह की मौत की सूचना पर वकीलों में शोक की लहर है। याद रहे, पीड़ित पक्ष के वकील महेंद्र सिंह और रेप मामले के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर दोनों ही एक ही गांव माखी के रहने वाले बताये जाते हैं। आपको बता दें, इस सड़क दुर्घटना को लेकर पीड़ित पक्ष की ओर से 10 नामजद समेत 15 अज्ञात पर मामला दर्ज कराया था। कोमा में होने की वजह से सीबीआई वकील महेन्द्र सिंह के बयान दर्ज नहीं करा पाई थी।
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