Dhanterash and Dipawali : धनतेरस, दीवाली पर सजे बाजार, जानें पर्व का महत्व

Dhanterash and Dipawali : भोपाल। दीपावली (Deepawali) और धनतेरस पर्व (Dhantearsh) को लेकर बाजार (Market) पूरी तरह से सज गये हैं। भोपाल सहित प्रदेशभर के बाजारों (Market) में धनतेरस और दीपावली पर्व को लेकर लोगों की भीड़ जगह जगह देखने (Seen) को मिल रही है।
हिन्दू धर्म में धनतेरस पर्व का विशेष महत्व है। इस पर्व को शुभ मानते हुए लोग बाजारों में विशेष सामग्रियों की खरीदारी करते हैं। सभी वर्ग के लोग अपने अपने बजट के अनुसार इस दिन खरीदारी करते हैं। धनतेरस के दिन से ही पर्व को शुभ मानते हुए दीपावली पर्व की सामग्रियों की खरीदारी की जाती है।
सनातन धर्म की मान्यता
भारतीय संस्कृति में मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि के जन्म को धनतेरस पर्व के रूप में मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि यश, कीर्ति और वैभव के देवता हैं। अपने इष्ट देव के जन्म दिवस को मनाने के लिए एक प्रत्येक साल इसे पर्व की तरह मनाया जाता है। हिन्दू कथानुसार भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। जिससे इस दिन बर्तन की खरीदारी को विशेष महत्व सनातन धर्म के लोग देते हैं।
धनतेरस के दिन सनातन धर्म के लोग भगवान धन्वंतरि देव के साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर का आवाहन करते हैं। मान्यता है कि भगवान की विशेष पूजा करने से भगवान लोगों के कष्टाें को दूर करते हुए उन्हें धन्यधान का आर्शीवाद प्राप्त करते हैं। प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाये जाने की सनातन धर्म में परंपरा रही है। धनतेरस पर्व के दौरान ही दीपावली का पर्व मनाये जाने की परंपरा रही है। शास्त्रों में धनतेरस और दिवाली पर्व का वर्णन दिया गया है। ज्ञानअर्जन के उपरांत मनुष्य इन पर्वों को अपने जीवन में आत्मसात करते हुए सांस्कारिक क्रिया कलापों का निर्वाहन करता है।
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