चित्रकूट में कई स्वास्थ्य केंद्रों पर अवैध तरीके से गर्भपात के मामलों का खुलासा, स्टाफ पर मिलीभगत का आरोप

चित्रकूट (Chitrakoot) जनपद से 15 किलोमीटर दूर बने पहाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Health Center) ने जिले के स्वास्थ्य विभाग पर चार चांद लगाने के काम किया है। सरकार और सिस्टम को जहां मिलकर गरीबो तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का काम किया जा रहा। वहीं कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अवैध तरीके से गर्भपात करने का मामला सामने आने लगा है।
सरकार ने ऐसे ममालो पर कड़ाई से कार्यवाई के आदेश जारी किए हैं। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध तरीके से प्रसव केंद्र के लेबर रूम में 25 मार्च की रात को एक महिला का ढाई महीने का गर्भपात किया गया। एएनएम शिवलता स्टाफ नर्स मंजू ने बिना अपने उच्चाधिकारियों को बताए कर दिया। वहीं ब्लीडिंग और दर्द ज्यादा होने पर महिला ने दोबारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आकर डॉक्टरों को समस्या बताई बताई तो सारे मामले का खुलासा हो गया।
गर्भपात के नाम पर यहां बरसों से ऐसा काला काम किया जाता है। इसका पर्दाफाश भी हो गया। दरअसल, पीड़ित महिला ने एएनएम शिवलता और स्टाफ नर्स मंजू ने पीड़ित महिला से 4000 लिए जाने की बात भी कही। वहीं गर्भपात में लापरवाही की लिखित शिकायत और अपनी पीड़ा भी सुनाई है। इस खबर को सुनते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहाड़ी सहित जनपद में हड़कंप मच गया।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर उदय प्रताप सिंह ने पीड़िता महिला के खतरे को देखते हुए जिला चिकित्सालय ईलाज के लिए रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में महिला का इलाज किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. उदय प्रताप सिंह ने अवैध तरीके से गैर कानूनी गर्भपात की शिकायत पर एएनएम और स्टाफ नर्स को डांट फटकार लगाते हुए कार्यवाई की बात कही। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहाड़ी में बीते कई वर्षों से यह एएनएम और इसकी एक टीम ऐसे गलत काम करती आ रही है।
इसके अलावा उप केंद्र एवं अन्य स्थानों पर अवैध तरीके से मोटी रकम लेकर गर्भपात कराने का धंधा काफी दिनों से चल रहा था। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि पीड़ित महिला का पत्र मिला है। संबंधित एएनएम शिवलता और स्टाफ नर्स मंजू से स्पष्टीकरण लिया जा रहा है। देखना होगा कि अवैध तरीके से गैरकानूनी गर्भपात कराने वाली एएनएम शिवलता और स्टाफ नर्स मंजू के विरुद्ध शासन प्रशासन क्या कार्यवाई करता है। सूत्रों ने बताया कि इलाज के नाम पर गैरकानूनी काम को अंजाम तक पहुंचाने वाले एएनएम शिवलता और स्टाफ नर्स मंजू ने पीड़ित महिला पर दबाव बनाया जा रहा है।
वहीं इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी भूपेश द्विवेदी की लापरवाही भी खुलकर सामने आ रही है। गैर कानूनी गर्भपात के मामले में कार्यवाही के नाम पर सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले को लीपापोती हो रही है। वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी भूपेश द्विवेदी ने टालमटोल जवाब देते हुए कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है। अगर यह मामला हुआ है, तो संबंधित को वहां से हटा दिया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के गैर जिम्मेदार इस तरह के बयान से स्पष्ट हो रहा है कि विभागीय संरक्षण में ही अवैध तरीके से गर्भपात एवं भ्रूण हत्या कराने का कारोबार फैला था। मामला खुल जाने के बाद भी विभागीय उदासीनता खुलकर देखने को मिल रही है। कई दिन बीत जाने के बाद भी कार्यवाही के नाम पर गोलमोल जवाब देते हुए ठंडे बस्ते में मामले को दबाने का कार्य किया जा रहा है।
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