Farmers Protest: बागपत में किसानों की महापंचायत, टिकैत बोले- इबके इन्होंने गलत जगह हाथ गेर दिया...

भारतीय किसान यूनियन की ओर से कृषि कानूनों के खिलाफ बागपत में बुलाई गई महापंचायत में भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं। तहसील ग्राउंड में आयोजित इस महापंचायत से किसान नेताओं ने संदेश दिया कि कृषि कानूनों की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत की गैरमौजूदगी में उनके बेटे गौरव टिकैत इस पंचायत में शामिल हुए। महापंचायत के मद्देनजर तहसील परिसर में पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात है।
महापंचायत शुरू होने से पहले नरेश टिकैत ने कहा, 'इब के इन्होंने गलत जगह हाथ गेर दिया। मांगे माने बिना हम मानने वाले नहीं। लाठी-गोली कुछ भी चला लो, हम सीने पे गोली खाएंगे, पीठ दिखा के जाने वाले नहीं। इब यो किसान परिवार एकजुट हो लिया।'
इब के इन्होंने गलत जगह हाथ गेर दिया। माँगे माने बिना हम मानने वाले नहीं। लाठी-गोली कुछ भी चला लो, हम सीने पै गोली खाएंगे, पीठ दिखा के जाने वाले नहीं। इब यो किसान परिवार एकजुट हो लिया।
— Naresh Tikait (@NareshTikait_) January 31, 2021
आज बागपत महापंचायत का नज़ारा... pic.twitter.com/c76ge9RWVo
राजनाथ सिंह जी और हमारे यहाँ सांसदों की सहानुभूति किसानों के साथ ही है। आखिर सांसदों को भी पता है, उनकी जमीन खिसक रही है। उन्हें भी तो इसी किसान समाज में बैठना है। फिर भी बात कहाँ अटक रही है ये सरकार जाने।
— Naresh Tikait (@NareshTikait_) January 31, 2021
म्हारा सुझाव है कि बातचीत से इसे निपटा लो, नहीं तो बात आगे बनने की नहीं। pic.twitter.com/UQCetD7Dcl
इससे पहले भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने रविवार दोपहर ट्वीट कर कहा, 'किसानों के मन की भी बात तो सुनो।' उन्होंने ये ट्वीट प्रधानमंत्री मोदी की 'मन की बात' कार्यक्रम के प्रसारण के बाद कही। नरेश टिकैत ने इससे पहले भी एक ट्वीट कर कहा, 'आज बागपत में किसानों का हुजूम उतरेगा, वहां की आवाज़ दिल्ली के गूंगे बहरे लोगों को भी सुनाई देगी।' बता दें कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा होने के बाद से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान घर लौटने लगे थे।
किसानों के मन की बात भी तो सुनो...
— Naresh Tikait (@NareshTikait_) January 31, 2021
माना जा रहा था कि किसान आंदोलन अब खत्म हो जाएगा। इस बीच, दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे भाकियू नेता राकेश टिकैत की आंखों में आंसूओं वाली तस्वीरे सामने आई, जिसके बाद विशेषकर उत्तर प्रदेश में महापंचायतों का दौर शुरू हो गया। बता दें कि मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में भी हजारों की संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया था और उस आह्वान का समर्थन किया था, जिसमें एक इशारे पर दिल्ली कूच करने के लिए तैयार रहने को कहा गया था। नरेश टिकैत का दावा है कि एक इशारे पर किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे अपने भाइयों की मदद के लिए पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह मामला सुलझा लेना चाहिए, यही सभी के हित में है।
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