Farmers Protest: बागपत में किसानों की महापंचायत, टिकैत बोले- इबके इन्होंने गलत जगह हाथ गेर दिया...

Farmers Protest: बागपत में किसानों की महापंचायत, टिकैत बोले- इबके इन्होंने गलत जगह हाथ गेर दिया...
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महापंचायत के मद्देनजर तहसील परिसर में पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए। टिकैत का दावा है कि एक इशारे पर किसान दिल्ली कूच कर जाएंगे। ऐसे में केंद्र सरकार को इस मामले को आपसी बातचीत से सुलझा लेना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा।

भारतीय किसान यूनियन की ओर से कृषि कानूनों के खिलाफ बागपत में बुलाई गई महापंचायत में भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं। तहसील ग्राउंड में आयोजित इस महापंचायत से किसान नेताओं ने संदेश दिया कि कृषि कानूनों की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत की गैरमौजूदगी में उनके बेटे गौरव टिकैत इस पंचायत में शामिल हुए। महापंचायत के मद्देनजर तहसील परिसर में पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात है।

महापंचायत शुरू होने से पहले नरेश टिकैत ने कहा, 'इब के इन्होंने गलत जगह हाथ गेर दिया। मांगे माने बिना हम मानने वाले नहीं। लाठी-गोली कुछ भी चला लो, हम सीने पे गोली खाएंगे, पीठ दिखा के जाने वाले नहीं। इब यो किसान परिवार एकजुट हो लिया।'


इससे पहले भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने रविवार दोपहर ट्वीट कर कहा, 'किसानों के मन की भी बात तो सुनो।' उन्होंने ये ट्वीट प्रधानमंत्री मोदी की 'मन की बात' कार्यक्रम के प्रसारण के बाद कही। नरेश टिकैत ने इससे पहले भी एक ट्वीट कर कहा, 'आज बागपत में किसानों का हुजूम उतरेगा, वहां की आवाज़ दिल्ली के गूंगे बहरे लोगों को भी सुनाई देगी।' बता दें कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा होने के बाद से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान घर लौटने लगे थे।

माना जा रहा था कि किसान आंदोलन अब खत्म हो जाएगा। इस बीच, दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे भाकियू नेता राकेश टिकैत की आंखों में आंसूओं वाली तस्वीरे सामने आई, जिसके बाद विशेषकर उत्तर प्रदेश में महापंचायतों का दौर शुरू हो गया। बता दें कि मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में भी हजारों की संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया था और उस आह्वान का समर्थन किया था, जिसमें एक इशारे पर दिल्ली कूच करने के लिए तैयार रहने को कहा गया था। नरेश टिकैत का दावा है कि एक इशारे पर किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे अपने भाइयों की मदद के लिए पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह मामला सुलझा लेना चाहिए, यही सभी के हित में है।

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