यूपी राजभवन के घेराव का कार्यक्रम विफल, पुलिस ने कुछ यूं रोका रास्ता

यूपी राजभवन के घेराव का कार्यक्रम विफल, पुलिस ने कुछ यूं रोका रास्ता
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भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर शुक्रवार की रात ही तमाम जिलों से किसानों ने लखनऊ की तरफ कूच करना शुरू कर दिया था, लेकिन जगह-जगह बैरीकेडिंग ने उनकी राह मुश्किल कर दी। हालांकि किसानों के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने हरनाम सिंह के नेतृत्व में राजभवन पहुंचकर ज्ञापन सौंपा, जिसमें तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए इन्हें वापस लिए जाने की मांग की गई।

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के किसान भी मुखर है। भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर आज हजारों किसान अलग-अलग जिलों से लखनऊ कूच करने निकले ताकि यूपी राजभवन के घेराव की प्रस्तावित योजना को अमलीजामा पहना सके। भाकियू ने जिस तरह से तैयारी कर रखी थी, उसे पुलिस ने पूरी तरह विफल कर दिया। हालांकि किसानों के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने हरनाम सिंह के नेतृत्व में राजभवन पहुंचकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौँपा, जिसमें कृषि कानूनों को अन्नदाताओं के खिलाफ बताते हुए इसे वापस लिए जाने की मांग की गई। इस दौरान प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर भी राजभवन में मौजूद रहे।

भारतीय किसान यूनियन ने आह्वान किया था कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली से पहले 23 जनवरी को लखनऊ में राजभवन का घेराव किया जाएगा और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपेंगे। इस आह्वान पर शुक्रवार रात से ही विभिन्न जिलों से भाकियू सदस्य और किसान ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर लखनऊ की ओर निकल पड़े। उधर, पुलिस प्रशासन भी अलर्ट पर था। प्रशासन ने अवध और पूर्वांचल के जिलों के भाकियू कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए कई जगह बैरीकेडिंग कर दी थी। शुक्रवार रात तक करीब 300 ट्रैक्टर सुल्तानपुर रोड़ पर कासिमपुर बिरहुवा गांव पहुंच गए थे, लेकिन अभी भी भारी संख्या में किसानों को वहां रोका गया है। भाकियू के मंडल अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा ने बताया कि सभी जिलों में किसानों को लखनऊ आने से रोका जा रहा है। किसानों को नोटिस दिए जा रहे हैं। अलग-अलग स्थानों पर पुलिस ने किसानों के 300 से ज्यादा ट्रैक्टर रोक रखे हैं। भाकियू के प्रवक्ता आलोक वर्मा ने कहा कि किसान अपनी बात के पक्के हैं। जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे, तब तक देश का किसान इनके खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।

कहीं किसान आगे तो कहीं पुलिस

राजभवन के घेराव का जबसे एलान हुआ है, तबसे प्रदेश सरकार बेहद चौकसी बरत रही है। योगी सरकार ने पुलिस और जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि राजभवन का घेराव नहीं होना चाहिए। ऐसे में पुलिस ने जगह-जगह बैरीकेडिंग कर किसानों की राह मुश्किल कर दी है। सीतापुर समेत कई जगह तो रात को ही किसान नेताओं को घर से उठा लिया गया। नैमिष थाना क्षेत्र में पुलिस ने करीब दर्जन भर किसान नेताओं को उनके घर से उठाकर पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में बैठाया है। कहीं किसानों को प्यार से समझाया जा रहा है तो कहीं उनके ट्रैक्टरों की चाबियां तक छीन ली गई है। हालांकि दोनों तरफ से यह ध्यान रखा जा रहा है कि ऐसा कुछ न हो, जिससे शांति भंग हो।

दिल्ली की तरफ भी कर रहे कूच

प्रदेश के किसान दिल्ली की तरफ भी कूच कर रहे हैं ताकि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालकर दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे अपने साथियों के हाथ मजबूत कर सकें। हालांकि जगह-जगह किसानों को आगे बढ़ने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बहराइच से दिल्ली कूच कर रहे भाकियू कार्यकर्ताओं को घाघराघाट रेलवे स्टेशन के पास रोक दिया गया है। तीन थानों की पुलिस मौके पर तैनात कर दी गई है। पुलिस के रवैए से नाराज भाकियू के कार्यकर्ता धरने पर बैठे हैं। वहीं गाजियाबाद में भी भारी संख्या में किसानों को रोका गया है।

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