यूपी में मदर्स डे से पहले 'कलयुगी मां' ने बच्चों से तोड़ा रिश्ता, फिर हाईकोर्ट ने सुनाया यह फैसला?

आज दुनियाभर में मदर्स डे (Mother's Day) मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य दुनियाभर की माताओं द्वारा अपने बच्चों के लिए बिना शर्त प्यार करने और उनके लिए हर बलिदान को याद किया जाता है। यूपी से लेकिन एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां एक महिला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में अपने मासूम बच्चों के साथ रहने से इनकार कर दिया। यही नहीं, उसने अपने बच्चों से आगे भी मिलने से साफ इनकार कर दिया। हाईकोर्ट का फैसला बताने से पहले आप यह पूरा मामला जान लीजिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फतेहपुर में अपने पति और बच्चों को छोड़कर एक महिला दिल्ली में गैरमर्द के साथ रह रही थी। पति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की। इस पर हाईकोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने महिला को दिल्ली से बरामद कर लिया। मामले की सुनवाई के दौरान महिला ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया।
महिला ने कहा कि उसे किसी ने बंदी नहीं बनाया था, बल्कि वो अपनी मर्जी से गई और दिल्ली में जॉब कर रही थी। उसने अपने पति पर प्रताड़ना करने का आरोप लगाया। हाईकोर्ट की ओर से पूछा गया कि क्या महिला अपने बच्चों से मिलना चाहती है तो उसने इनकार कर दिया। उसकी दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को पोषणीय नहीं माना और इसे खारिज कर दिया।
पति ने सुनाई थी यह व्यथा
फतेहपुर निवासी प्रमोद कुमार ने अपनी याचिका में कहा था कि उसकी पत्नी क्रांति देवी को अंकुर ने दिल्ली में बंदी बना रखा है। उसका कहना था कि अंकुर उसकी पत्नी को छोड़ नहीं रहा है और कैद है। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश देते हुए पत्नी को कोर्ट में पेश करने को कहा था। हालांकि क्रांति ने अपने पति के तमाम आरोपों को खारिज कर दिया था।
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