कोरोना के 'शोर' में दबकर रह गई दिव्यांग मां की पीड़ा, बेटे और पति की मौत के बाद तीन दिन शवों के साथ गुजारे, बदबू आने पर 'सबको पछतावा'

उत्तर प्रदेश के लखनऊ से इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर सामने आ रही है। यहां कोरोना संक्रमित बेटे और पति की होम आइसोलेशन में मौत हो जाने के बाद दिव्यांग महिला मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी। तीन दिन बाद जब शवों से निकल रही बदबू लोगों को परेशान करने लगी तो सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां का दृश्य देखकर उनका भी कलेज फटा रह गया। अपने बेटे और पति के शव के पास बेसुध पड़ी इस महिला को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कृष्णानगर की एलडीए कॉलोनी में अरविंद गोयल (60) और उनके बेटे आशीष (25) कोरोना संक्रमित मिलने के बाद होम आइसोलेशन में थे। अरविंद की पत्नी रंजना दिव्यांग है, जो कि दोनों की देखभाल कर रही थी। पुलिस को पड़ोसियों से सूचना मिली कि अरविंद गोयल के घर से बदबू आ रही है। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो देखा कि अरविंद और आशीष गोयल के शव पड़े हैं, जबकि दिव्यांग रंजना बेसुध पड़ी है।
पुलिस ने बताया कि शवों को देखकर लग रहा है कि दोनों की मौत तीन से चार दिन पहले हो हो चुकी थी। रंजना चलने फिरने में असमर्थ है। जाहिर है कि वो मदद पाने के लिए काफी चिल्लाई होगी, लेकिन पड़ोसियों का कहना है कि उन्हें किसी की भी आवाज नहीं सुनाई दी। पड़ोसियों ने बताया कि बदबू आने पर ही उन्हें यह महसूस हुआ कि कुछ गड़बड़ है।
रंजना भी कोरोना संक्रमित
पुलिस ने बताया कि दिव्यांग रंजना भी कोरोना संक्रमित लग रही है। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पड़ोसियों को पछतावा हो रहा है कि एक बार उन्हें अवश्य देखना चाहिए था कि चार-पांच दिन से इस परिवार का कोई भी सदस्य बाहर क्यों दिखाई नहीं दिया। पुलिस ने लोगों से आह्वान किया है कि वे अपने आसपास नजर रखें और जरूरतमंद लोगों की मदद अवश्य करें।
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