जातिगत फोन कॉल सर्वे मामले में योगी सरकार के खिलाफ FIR दर्ज, पूछी गई बातें को रखी जाएगी गोपनीय

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में योगी सरकार के खिलाफ जातिगत फोन कॉल सर्वे मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस योगी सरकार के खिलाफ केस दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू कर दी है। सारी कॉल डिटेल्स निकाले जा रहे हैं।
हालांकि फोन कॉल सर्वे के दौरान जो भी बातचीत हुई है, उन सभी बातचीत को गोपनीय रखा जाएगा। फिलहाल बताया जा रहा है कि इस फोन कॉल में जातिगत के तौर पर सर्वे किया जा रहा था। क्या योगी सरकार सिर्फ ठाकुर समाज के लिए काम कर रही है?
आईटी एक्ट और जातिगत भावना भड़काने के तहत केस दर्ज
सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ सहित अन्य जिलों में कुछ लोगों को एक मोबाइल नंबर के जरिए लगातार सर्वे करने की कॉल आ रहे हैं। इस सर्वे में लोगों से योगी सरकार द्वारा सिर्फ ठाकुरों के लिए कार्य करने की बात कही जा रही है। इसके बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस माामले में लखनऊ के सेंट्रल डीसीपी सोमेन वर्मा ने बताया कि लोगों के पास 744 717 8543 नंबर से कॉल आ रहे हैं। जिसमें विशेष जाति के बारे में पूछा जा रहा है। इस मामला का खुलासा होने के बाद हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया है।
यह केस आईटी एक्ट और जातिगत भावना भड़काने सेक्शन 501-A के तहत दर्ज किया गया है।
ठाकुर समाज के लिए काम कर रहें हैं योगी सरकार
दरअसल, इस सर्वे कॉल में लोगों से पूछा जा रहा है कि जैसे अखिलेश यादव ने केवल यादव समाज के लिए काम किया, मायावती ने केवल जाटव समाज के लिए काम किया वैसे ही सीएम योगी केवल और केवल ठाकुर समाज के लिए काम कर रहे हैं।
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