लॉकडाउन में शादी की जल्दबाजी करने वाले दूल्हे ने बाद में ससुरालियों से की ऐसी डिमांड, केस हुआ दर्ज

लॉकडाउन में शादी की जल्दबाजी करने वाले दूल्हे ने बाद में ससुरालियों से की ऐसी डिमांड, केस हुआ दर्ज
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पीड़िता का आरोप है कि जब उसने बुलेट लाने से मना किया तो उसके साथ मारपीट शुरू कर दी गई। उसके ससुरालियों ने भी आरोपी पति का ही साथ दिया। पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली, जहां से आदेश मिलने के बाद पति समेत छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

लॉकडाउन में जिस दूल्हे को शादी कराने की जल्दी थी, उसे बाद में इस बात का मलाल हुआ कि कोरोना गाइडलाइंस के चलते छोटा आयोजन होने से उसके ससुरालियों का खर्च बच गया। दूल्हे ने नुकसान की भरपाई करने के लिए पत्नी पर मायके से बुलेट लाने का दबाव बनाना शुरू किया। पत्नी जब नहीं मानी तो वह इतना नाराज हो गया कि उसे बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया। हद तो तब पार हो गई, जब ससुरालियों ने भी इसमें उसका साथ देना शुरू कर दिया। पुलिस ने आरोपी पति समेत छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस को दी शिकायता में पीड़िता ने बताया कि कोरोना गाइडलाइंस के चलते उन्हें भी पता था कि शादी में कम मेहमान बुलाने होंगे। ऐसे में उन्होंने बाकायदा प्रस्ताव रखा था कि जब हालात सामान्य हो जाएंगे, तब तक इंतजार कर सकते हैं। आरोप है कि न तो दूल्हा और न ही उसके परिजनों में से किसी ने इस पर सहमति जताई। पीड़िता के मुताबिक शादी में सीमित संख्या मे मेहमान बुलाने की बाध्यता के बावजूद उनकी ओर से किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी गई थी। लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही पति यह ताने मारकर बुलेट लाने की मांग करने लगा कि शादी में तुम लोगों ने खर्चा ही कितना किया है। जब उसने साफ बोला कि बुलेट नहीं लेकर आएगी तो उसके साथ मारपीट शुरू हो गई। पीड़िता ने कोर्ट की शरण ली, जहां से आदेश मिलने के बाद पति समेत छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

दहेज हत्या में उम्र कैद की सजा

भदोही की जिला अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले में आरोपी मां-बेटे को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के वकील दिनेश पांडे ने पत्रकारों को बताया कि प्रयागराज के हंडिया के रहने वाले धर्मराज प्रजापति ने 12 अक्टूबर 2018 को दहेज हत्या का केस दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि उनकी बेटी पूनम को दहेज की मांग पूरी न होने पर उसके ससुरालियों ने 4 अक्टूबर 2018 को जला दिया था। एक सप्ताह अस्पताल में इलाज चलने के बाद उसकी मौत हो गई थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जिला अदालत ने आरोपी अजीत प्रजापति और सास चंद्रावती को दोषी करार उम्रकैद और 15-15 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।

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