Prayagraj के ग्लोबल हॉस्पिटल का पंजीकरण निरस्त, खराब प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने के मामले में CMO की कार्रवाई

Prayagraj के ग्लोबल हॉस्पिटल का पंजीकरण निरस्त, खराब प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने के मामले में CMO की कार्रवाई
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प्रयागराज के ग्लोबल हॉस्पिटल पर आरोप है कि डेंगू पीड़ित मरीज को खराब प्लेटलेट्स चढ़ाई थी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद अब इस हॉस्पिटल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है।

प्रयागराज के ग्लोबल हॉस्पिटल का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला प्रशासन के निर्देश पर सीएमओ ने की है। ग्लोबल हॉस्पिटल पर आरोप है कि उन्होंने डेंगू पीड़ित मरीज को खराब प्लेटलेट्स चढ़ा दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई। उधर, हॉस्पिटल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें वेवजह फंसाया गया है और वो उचित मंच पर यह मामला उठाएंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बमरौली निवासी प्रदीप पांडे को डेंगू पीड़ित होने के बाद झलवा के ग्लोबल हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में 14 अक्तूबर को भर्ती कराया गया था। 16 अक्तूबर को प्लेटलेट्स 17 हजार पहुंची तो उन्हें तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाई। आरोपों के मुताबिक प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद प्रदीप की तबीयत बिगड़ी और उन्हें रेफर कर दिया। 19 अक्टूबर को प्रदीप की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया था कि प्रदीप को प्लेटलेट्स की बजाय मोसम्बी जूस चढ़ा दिया, जिससे उनकी नसें फट गईं। परिजनों ने पुलिस को भी शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी। सभी को मामले की जांच की रिपोर्ट आने का इंतजार था। जब रिपोर्ट सामने आई, तब परिजनों के आरोप तो झूठे पाए गए, लेकिन ग्लोबल हॉस्पिटल की मुश्किलें कम नहीं हुईं।

दरअसल, जांच में सामने आया कि प्रदीप को जूस की जगह प्लेटलेट्स ही चढ़ाए थे, लेकिन वो खराब थे। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों के बाद सीएमओ ने अब ग्लोबल हॉस्पिटल का पंजीकरण निरस्त कर दिया है। सीएमओ डॉ. नानक सरन ने बताया कि ग्लोबल हॉस्पिटल के भौतिक सत्यापन एवं अस्पताल प्रशासन से प्राप्त अभिलेखों के निरीक्षण/परीक्षा के बाद जांच समिति द्वारा दी गई अनुशंसा के आधार पर ग्लोबल हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर का पंजीकरण निरस्त किया गया है।

एक दिन पहले मिली राहत

इससे पहले प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ग्लोबल हॉस्पिटल की इमारत का अवैध बताकर नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया है कि बिना नक्शा पास कराए भवन बना लिया गया है तो क्यों नहीं से डिमोलिश्ड कर दिया जाए और 28 अक्टूबर 2022 तक जवाब मांगा गया है। इस नोटिस के जारी होने पर इस इमारत की ऑनर मालती देवी के परिवार में हड़कंप मच गया था। मालती देवी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी लगाकर इस कार्रवाई को रोकने की मांग की।

उन्होंने दलील दी कि जिस समय यह बिल्डिंग बनवाई, उस समय यह क्षेत्र प्रयागराज विकास प्राधिकरण की सीमा क्षेत्र से बाहर था। अब प्रयागराज विकास प्राधिकरण की सीमा के क्षेत्र में आने से अगर पीडीए के नियमों का उल्लंघन हो रहा है तो हम कंपाउंडिंग चार्ज जमा करने को तैयार हैं। उन्होंने याचिका में इमारत को न गिराने की भी अपील की थी। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीले सुनकर स्टे लगा दिया। साथ ही, अग्रिम आदेश तक कोई भी दंडात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है।

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