सोने की आभा से चमका श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, श्रद्धालुओं के लिए बना आर्केषण का केंद्र

उत्तर प्रदेश (Uttar Pardesh) के वाराणसी(Varansi) स्थित श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर(Shrikashi Vishwanath Temple) में सोने लगाने का काम पूरा हो गया है। बताया गया है कि पूरे मंदिर में करीब 60 किलोग्राम सोना लगाया है। हालांकि, सोने की क्वालिटी खराब न हो, उसे देखते हुए मंदिर के गर्भगृह में एक्रेलिक शीट भी लगाई गई है। ताकि, धूप और पानी का मंदिर में लगे सोने पर कोई असर न पड़ सके। यहां तक की चारों दरवाजों के चौखट और पत्थरों पर भी सोने की परत चढ़ाई गई है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि दानदाता की तरफ से मंदिर परिसर में सोना लगाने की इच्छा जताई गई थी। अनुमति के बाद मंदिर में सोने की परत लगाने का कार्य शुरू किया गया है। पहले चरण में मंदिर के गर्भगृह के अंदर की दीवारों पर और छत लगे घंटे पर भी सोना लगाया गया। हालांकि, यह कार्य फरवरी और मार्च में पूरा कर लिया गया था। द्वितीय चरण में मंदिर के बाहरी दीवारों और चौखट पर कार्य किया गया। गुरुवार को पूर्ण कर लिया गया।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि सोने का खराब होने से बचाने के लिए एक्रेलिक शीट (Acrylic sheet) की सीट लगाई गई है। इससे दीवारों पर लगाई सोने की परत को नुकसान नहीं होगा।
स्वर्ण मंदिर में हुआ तब्दील
काशी विश्वनाथ मंदिर में सोने लगने के बाद यह स्वर्ण मंदिर में तब्दील हो गया है। बाबा विश्वनाथ(Baba Viswnath) के गर्भगृह के अंदर की दीवारें पर पहले ही स्वर्ण मंडित किया जा चुका था। अब बाहर भी सोने लगाने का कार्य पूरा हो गया है। मंदिर में काम शुरू होने के दौरान मंदिर प्रशासन की तरफ से कहा गया था काशी विश्वनाथ मंदिर में 24-28 क्विंटल सोना लगेगा।
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