जानें आखिर कैसे हाथरस केस में इस भाभी की एंट्री ने दिया नया मोड, फंडिंग, दंगे और नक्सली कनेक्शन से निकल रहे संबंध, आप भी पढ़ें पूरा सच

जानें आखिर कैसे हाथरस केस में इस भाभी की एंट्री ने दिया नया मोड, फंडिंग, दंगे और नक्सली कनेक्शन से निकल रहे संबंध, आप भी पढ़ें पूरा सच
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हाथरस केस में हाल ही में पीड़िता के भाई और आरोपी के बीच हुए बातचीत का कई ऑडियो का खुलासा हुआ था। इसके बाद अब इस मामले में भाभी की एंट्री से हलचल पैदा हो गया है। एसआईटी ने अपनी जांच में भाभी का इस केस से संबंध होने का खुलासा किया है।

हाथरस गैंगरेप कांड की घटना में आए दिन हर रोज नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। एक तरफ पीड़िता के परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही और दबाव बनाने का आरोप लगाया था। जिसके तहत कई अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है। इसके बाद पीड़ित परिजनों की मांग पर एसआईटी के बाद सीबीआई को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गई।

उधर, इस मामले को लेकर लखनऊ बेंच में सुनवाई होने वाली है। इस केस में सुनवाई के दौरान पीड़िता का परिवार भी कोर्ट में मौजूद रहेगा। हाथरस केस में हाल ही में पीड़िता के भाई और आरोपी के बीच हुए बातचीत का कई ऑडियो का खुलासा हुआ था।

इसके बाद अब इस मामले में भाभी की एंट्री से हलचल पैदा हो गया है। एसआईटी ने अपनी जांच में भाभी का इस केस से संबंध होने का खुलासा किया है।

भाभी ने रची थी बड़ी साजिश- एसआईटी

एसआईटी का कहना है कि 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर भाभी डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने बड़ी साजिश रची। भाभी का नक्सली से भी संबंध हैं। एसआईटी के मुताबिक, एक महिला घूंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी।

वह पीड़िता के घर में रहकर उनके परिजनों को भड़काने का काम कर रही थी। पीड़िता की भाभी बनकर रहने वाली नक्सली एक्टिविस्ट महिला की कॉल डिटेल्स में कई हैरान कर देने वाले मामले सामने आए हैं। इसके तहत एसआईटी की टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली इस महिला की तलाश में जुट गई है।

एसआईटी के आरोप पर भाभी की सफाई

जबकि भाभी डॉक्टर राजकुमारी बंसल मीडिया का कहना है कि पीड़ित परिवार से मेरा कोई रिश्ता नहीं है। केवल पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद और इस दुख की घड़ी में साथ खड़ा होने के लिए उन लोगों से मुलाकात करने गई थी। मेरा स्वभाव देख परिजनों को अच्छा लगा तो उन्होंने दो दिन और रुकने को कहा। उनकी बात को स्वीकार कर मैं रुक भी गई।

किसी पर झूठा आरोप लगाना बुहत आसान होता है। अगर एसआईटी को लगता है कि मैं अपराधी हूं तो पहले इसका सबूत पेश करें। बिना सबूत के एसआईटी कैसे मुझे नक्सल कह सकती है। उन्होंने कहा कि मैं तो वहां पर पीड़िता की फॉरेंसिक रिपोर्ट देखने गई थी। उस विषय की मैं एक्सपर्ट हूं।

बता दें कि डॉक्टर राजकुमारी बंसल मध्य प्रदेश के जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में कार्यरत है।

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