IIT और FCRF मिलकर बना रहा ऐसा सर्च इंजन, पुलिस मिनटों में कर सकेगी साइबर से लेकर बड़े अपराधों की जांच

IIT कानपुर के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड इनोवेशन-ड्रिवेन एंटरप्रेन्योरशिप (Artificial Intelligence and Innovation-Driven Entrepreneurship) और नोएडा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center of Excellence) ने लखनऊ स्थित थिंक टैंक फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (Future Crime Research Foundation) के साथ जुड़ा है। जो पुलिसिंग में मदद के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artifical Intelligence) द्वारा संचालित बिग डेटा सर्च इंजन को विकसित करने का काम कर रहा है। यह इस तरह का पहला सर्च इंजन होगा। इस सर्च इंजन का मकसद जांच और पुलिसिंग प्रक्रिया (policing process) को आसान बनाना है। इसके लिए सभी प्रमुख हितधारकों का डेटा एकत्र किया जाएगा, जिससे अन्य सेवाओं के अलावा अपराध का पता लगाने और जांच में मदद मिलेगी।
इन मुसीबतों का करना पड़ता है सामना
बढ़ते अपराधों के मामलों की वजह से पुलिस (police) को खुफिया तंत्र को अपराध से निपटने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। उनके लिए कानून व्यवस्था बनाए रखना और आपराधिक घटनाओं की पहचान करना बेहद मुश्किल है। सरकार के पास आपराधिक मामलों से संबंधित बड़ी मात्रा में डेटा है। इनमें सजा मेमो, अरेस्ट मेमो, क्राइम डेटा, जब्ती मेमो, चार्जशीट, एफआईआर (fir) क्रिमिनल्स डेटा, पुलिस स्टेशन का डेटा आदि शामिल है।
केंद्रीय और राज्य एजेंसियों (central and state agencies) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अलावा, बैंकिंग, बीएफएसआई, आईएसपी, दूरसंचार, परिवहन और अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं के पास उपलब्ध बड़ी मात्रा में डेटा का उपयोग नहीं हो पाता है। अधिकांश डेटा इंटरनेट पर एकत्र किया जा रहा है। डार्क वेब, सोशल मीडिया और अन्य ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म डेटा संसाधनों से भरे हुए हैं लेकिन अभी तक इस पर में कोई काम नहीं हुआ है।
डेटा को एक जगह एकत्रित किए बिना उसका विश्लेषण करना बेहद मुश्किल काम है। फिलहाल ऐसा कोई प्लेटफॉर्म नहीं है जो इस डेटा को एक्सेस कर सके। इस डेटा को इकट्ठा करके भविष्य की घटनाओं का पता लगाया जा सकता है। डेटा का अध्ययन कानून प्रवर्तन एजेंसियों (law enforcement agencies) को अपराध की प्रकृति और पैटर्न का पता लगाने में मदद करेगा। यह कॉरपोरेट्स, बैंकों, बीएफएसआई, बीमा और अन्य संस्थानों को बढ़ती धोखाधड़ी की जांच करने में भी मदद करेगा।
ऐसे मिलेगा समाधान
एफसीआरएफ एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करने जा रहा है जहां सभी महत्वपूर्ण संगठनों और संस्थानों के डेटा को जोड़ा जाएगा। एक बटन के क्लिक से उन्हें पूरी जानकारी मिल सकेगी, जिसके कारण जांच में बहुत सहायता मिलेगी। एफसीआरएफ के सह-संस्थापक (Co-Founder of FCRF) शशांक शेखर (Shashank Shekhar) के मुताबिक, "हम कई स्रोतों से आवश्यक डेटा एकत्र करेंगे और एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करेंगे जो डेटा माइनिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके डेटा विश्लेषण कर सके। यह किसी भी क्षेत्र में अपराध के अनूठे पैटर्न के बारे में भी जानकारी प्रदान कर सकता है।
शेखर ने कहा कि हमारे प्लेटफॉर्म से पुलिस एजेंसी अधिक विश्लेषण कर सकती है। केएमएम के लिए अपराध को प्रभावित करने वाले कारकों की बेहतर समझ प्राप्त कर सकते हैं। भारत में पुलिस बल को अक्सर काम के बोझ के कारण स्वास्थ्य और सामाजिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इस प्रकार बेहतर संसाधन आवंटन की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि एक ऐसी तकनीक या पुलिस व्यवस्था (police system) की आवश्यकता है जो बेहतर संसाधन आवंटन की अनुमति दे।
क्या है एफसीआरएफ (FCRF)
फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (FCRF) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारत को डिजिटल रूप से जागरूक बनाकर और साइबर-सुरक्षित भारत के पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करके भविष्य के लिए तैयार करने का प्रयास करता है। मिशन भारतीय राज्यों, उद्योगों, संस्थानों, शिक्षाविदों और समाज को ज्ञान साझा करने, क्षमता निर्माण, कौशल प्रदान करने और ज्ञान प्रदान करके नए युग के खतरों में गहन अनुसंधान और अंतर्दृष्टि प्रदान करना और डिजिटल स्पेस तक सार्वजनिक पहुंच को मजबूत करना है।
एफसीआरएफ भारत के डिजिटल क्षेत्र में अग्रणी होने के विचार में विश्वास रखता है। यह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, व्यापार, कॉर्पोरेट, संस्थानों और समाज को तैयार करने की इच्छा रखता है।
शशांक ने कहा, "हमारा लक्ष्य केंद्र, राज्यों, उद्योगों और व्यक्तियों के सामने आने वाली भविष्य की साइबर सुरक्षा और गोपनीयता चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक मजबूत, अभिनव, बहु-अनुशासनात्मक प्रणाली का निर्माण करना है। हमारा ध्यान साइबर अपराध, कॉर्पोरेट धोखाधड़ी जांच, आंतरिक जांच, फोरेंसिक लेखा और लेखा परीक्षा, डेटा उल्लंघनों, स्टार्ट-अप नीतियों, भू-राजनीतिक विश्लेषण और सार्वजनिक मामलों के क्षेत्रों में गहन अध्ययन और अनुसंधान पर है।
पिछले साल, अपने पाठकों के बीच साइबर जागरूकता फैलाने के प्रयास में, फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (FCRC) को DSCI एक्सीलेंस अवार्ड्स 2021 की साइबर जागरूकता श्रेणी में शीर्ष तीन फाइनलिस्ट के रूप में चुना गया था।
FCRF ने पहले नोडल अधिकारियों और अखिल भारतीय पुलिस स्टेशनों की संख्या के लिए भारत का पहला सर्च इंजन बनाया था। यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों और आम आदमी को जरूरत पड़ने पर प्रमुख व्यक्ति के संपर्क में रहने में मदद करने के लिए है।
सीओई और एआईआईडीई के सहयोग से इस प्लेटफॉर्म का करेंगे निर्माण
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई), आईआईटी कानपुर के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इनोवेशन-ड्रिवेन एंटरप्रेन्योरशिप (एआईआईडीई) के सहयोग के साथ इस प्लेटफॉर्म के निर्माण में एक लंबा सफर तय करेगा। योगी सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) के उपयोग के माध्यम से नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए नोएडा में एक विश्व स्तरीय उत्कृष्टता केंद्र (सीओआई) स्थापित करने के लिए आईआईटी कानपुर और फिक्की को सौंपा है।
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