Kisan Andolan In UP : कृषि कानूनों को एक साल पूरा होने पर भाकियू ने किया प्रदर्शन, मेरठ और सहारनपुर में सबसे ज्यादा आक्रोश, जानिये वजह...

Kisan Andolan In UP : कृषि कानूनों को एक साल पूरा होने पर भाकियू ने किया प्रदर्शन, मेरठ और सहारनपुर में सबसे ज्यादा आक्रोश, जानिये वजह...
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भाकियू कार्यकर्ताओं ने विभिन्न जिलों में बिल की प्रतियां जलाकर या फाड़कर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, किसान आंदोलन जारी रहेगा।

भारतीय किसान यूनियन ने केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों कृषि कानूनों को एक साल पूरा होने पर आज विरोध प्रदर्शन किया। मेरठ और सहारनपुर मंडल के जिलों में भाकियू कार्यकर्ता बेहद आक्रामक दिखाई दिए। उन्होंने बिल की प्रतियां फाड़कर अपना रोष दर्ज किया गया। साथ ही चेतावनी दी कि जब तक बिलों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। प्रशासन की ओर से मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो सके।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, बागपत और सहारनपुर में भाकियू कार्यकर्ताओं ने बिल की प्रतियां फाड़ते हुए केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आज पर्यावरण दिवस है, इसलिए उन्होंने तय किया था कि इस बिल को जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करेंगे। मेरठ में भाकियू ने प्रधानमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।

भाकियू के जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ईकडी ने कहा कि किसान इतने लंबे समय से केवल एक ही मांग दोहरा रहे हैं कि उन्हें तीनों काले कानून नहीं चाहिए। सरकार जबरन यह कानून थोपना चाहती है। अगर सरकार को किसानों की इतनी चिंता होती तो इस महामारी में भी धरना प्रदर्शन करने को विवश नहीं करती। उन्होंने कहा कि जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं होंगे, किसान अपने घरों में वापस नहीं जाएंगे।

उधर, शामली में भाकियू के कार्यकर्ताओं ने तहसील मुख्यालय पर बिलों की प्रतियां जलाकर नारेबाजी की। उन्होंने प्रदेश में बकाया गन्ना भुगतान और बिजली समस्या को लेकर भी आरोप लगाए। किसानों ने कहा कि जिला शामली में किसानों के बकाया गन्ना भुगतान की बुरी स्थिति है। बिजली के बिलों में मनमानी हो रही है। किसानों ने अपनी मांगों के संबंध में एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा।

बागपत और मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों में भाकियू के आह्वान पर विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। शाम चार बजे स्थानीय किसान नेता आगे की रणनीति पर भी विचार मंथन करेंगे। भाकियू के स्थानीय नेताओं का कहना है कि तीनों कृषि कानून रद होने तक आंदोलन चलेगा।

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