गोरखनाथ मंदिर का मिनी बाबा धाम बिहार में भी, धार्मिक स्थल की बनावट कर देगी हैरान, सालों पुराना है इतिहास

गोरखनाथ मंदिर का मिनी बाबा धाम बिहार में भी, धार्मिक स्थल की बनावट कर देगी हैरान, सालों पुराना है इतिहास
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उत्तर प्रदेश के गोरखनाथ मंदिर को आस्था का केंद्र बिंदु माना जाता है। इसके अलावा बिहार के कटिहार में भी गोरखनाथ मंदिर है। खास बात है कि इस मंदिर के पीछे सालों पुराना इतिहास भी है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट...

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) को आस्था का केंद्र बिंदु (Center of Faith) माना जाता है। क्या आपको पता है कि देश के एक अन्य राज्य में भी गोरखनाथ मंदिर स्थित है। अगर नहीं जानते तो बता देते हैं कि गोरखनाथ मंदिर बिहार (Bihar) के कटिहार जिले (Katihar District) में है। खास बात है कि इसे मिनी बाबाधाम (Mini Baba Dham) कहा जाता है। इसके पीछे धार्मिक कहानी (Religious Story) भी बेहद रोचक है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार के कटिहार जिले में गोरखपुर गांव है। इस गांव में गोरखनाथ मंदिर स्थित है। इसका इतिहास भी कई सालों पुराना है। एक किंवदंती के अनुसार अनुमानित 1053 ई सन में प्रसिद्ध संत गोरखनाथ जी महाराज असम के कामाख्या से गोरखपुर आ रहे थे। इस दौरान बाबा गोरखनाथ इस गांव में ठहरे थे। इसके बाद यहां पर ग्रामीणों ने गोरखनाथ मंदिर का निर्माण कराया। यही नहीं, उन्होंने गांव का नाम भी गोरखनाथ रख दिया।

बताया जाता है कि गुरु गोरखनाथ द्वारा यह सिद्धपीठ घोषित किया गया था। मंदिर के पूर्व में मां दुर्गा का मंदिर, पश्चिम में चैती काली, दक्षिण में महामाया, उत्तर पूर्वी दिशा में गोरखचंडी का स्थान है। देवनगरी गोरखपुर बहुत ही प्राचीन है। इस मंदिर को मिनी बाबा धाम के नाम से पहचाना जाता है। सावन के महीने में यहां भारी भीड़ उमड़ती है।

मंदिर की बनावट भी हैरान करने वाली

यह गोरखनाथ शिव मंदिर कटिहार जिला का गौरव है। इसकी बनावट सभी को हैरान कर देती है। मंदिर के ऊपरी हिस्सा में अशोक चक्र एवं नागफन अंकित है। मंदिर का निर्माण विशेष आकार के ईंट, चूना, सुरखी से प्राचीन कारीगरी दिखाई देती है। बिना नींव की कटोरी को उल्टा कर बैठा देने जैसे अवस्था में यह मंदिर अद्भूत अहसास देता है। मंदिर परिसर के पास तालाब और पेड़ों से घिरे सुगम वातावरण में भक्त बेहद आनंद महसूस करते हैं।

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