UP Weekend Lockdown : वाराणसी और मुरादाबाद में वीकेंड लॉकडाउन की उड़ी जमकर धज्जियां, यह वजह आई सामने

UP Weekend Lockdown : वाराणसी और मुरादाबाद में वीकेंड लॉकडाउन की उड़ी जमकर धज्जियां, यह वजह आई सामने
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उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद कंप्लीट लॉकडाउन भले ही हटा लिया गया था, लेकिन वीकेंड लॉकडाउन की व्यवस्था अभी तक लागू है। कई जिलों में जहां इसका गंभीरता से पालन हो रहा है, तो वहीं कई जगह तमाम दिशानिर्देशों की धज्जियां भी उड़ाई जा रही हैं।

उत्तर प्रदेश में वीकेंड लॉकडाउन के दौरान मुरादाबाद से चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां के रेलवे स्टेशन पर अचानक भारी संख्या में लोग पहुंच गए। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि रेलवे और पुलिस के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराना मुमकिन साबित नहीं हो पाया। वहीं लोगों की बात करें तो कई इस कदर लापरवाही थे कि मास्क तक लगाना जरूरी नहीं समझा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुरादाबाद के रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा हुए ज्यादातर लोग ईंट भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिक थे, जो कि अपने घर वापस जाना चाहते थे। इन श्रमिकों का कहना था कि भारी बारिश के कारण उनके लिए यहां काम नहीं बचा। कोरोना काल में पहले से आर्थिक तंगी चल रही है। उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि यहां पर बिना काम के दो दिन भी रह सकें। ईंट भट्ठा के मालिक आशीष ने बताया कि ज्यादातर लोग बिहार के भागलपुर से हैं, जो कि मुरादाबाद में काम न होने की वजह से वापस अपने घर जा रहे हैं।

बता दें कि मुरादाबाद में लगातार बारिश हो रही है, जिस कारण लोगों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हुई है। शहर के कई इलाकों में भारी जलराव के साथ ही लोगों को बिजली और पानी की सप्लाई में भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ऐसे में उन लोगों के लिए खासी परेशानी खड़ी हो गई है, जो कि रोजाना कमाकर जीविका चलाते हैं।

लखनऊ में नजारा अलग

राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां पर वीकेंड लॉकडाउन का शिद्धत से पालन किया जा रहा है। सभी छोटे-बड़े बाजार बंद हैं, वहीं गलियों में भी लोग घरों के भीतर ही दिखाई दे रहे हैं। लखनऊ में कोरोना की दूसरी लहर का सर्वाधिक प्रकोप देखा गया था। ऐसे में यहां के लोगों द्वारा वीकेंड लॉकडाउन को लेकर दिखाई जा रही गंभीरता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

आस्था में पीछे छूटे नियम

वाराणसी में गंगा दशहरा के मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा घाट पर आस्था की पवित्र डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना की। इस दौरान भक्तों को उद्घोषणाओं के माध्यम से बार-बार आगाह किया जाता रहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। बावजूद इसके ज्यादातर लोग इसकी अनदेखी करते दिखाई दिए।


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