मुख्तार अंसारी पर पोटा लगाने वाले पूर्व डिप्टी एसपी ने बयां की पीड़ा, कहा- राजनीतिक दबाव के चलते छोड़नी पड़ी नौकरी, जेल भी गया...

उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के खिलाफ वर्ष 2004 में पोटा लगाने वाले पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ दर्ज मुकद्दमा वापस ले लिया गया है। कोर्ट की ओर से मुकद्दमा वापसी का आदेश प्राप्त होने के बाद शैलेंद्र सिंह ने अपने सोशल अकाउंट से न केवल योगी सरकार का आभार जताया बल्कि उस पीड़ा को भी बयां किया, जो उन्होंने इस दौरान झेलनी पड़ी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट में लिखा, '2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर एलएमजी केस में पोटा लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए तत्कालीन सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया, जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे डिप्टी एसपी पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा और जेल में डाल दिया गया।'
उन्होंने आगे लिखा, 'जब माननीय योगी जी की सरकार बनी तो उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे माननीय सीजेएम न्यायालय द्वारा 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई। न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई। मैं और मेरा परिवार योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा। संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।'
शैलेंद्र सिंह पर ये था आरोप
पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी पर पोटा लगाने के बाद राजनीतिक दबाव से परेशान होकर इस्तीफा दिया तो इसके कुछ समय बाद ही वाराणसी के कैंट थाने में उनके खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया। यह केस डीएम कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लालजी की तरफ से दर्ज कराया गया था, जिसमें शैलेंद्र सिंह पर तोड़फोड़ और मारपीट करने का आरोप था। मामले में शैलेंद्र सिंह की गिरफ्तारी भी हुई थी। अब केस वापस होने से शैलेंद्र सिंह को बड़ी राहत मिली है।
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