बलिया में बीमार पत्नी को ठेले पर ले जाने का वीडियो वायरल, मरीज की मौत से यूजर्स का गुस्सा भड़का

बलिया में बीमार पत्नी को ठेले पर ले जाने का वीडियो वायरल, मरीज की मौत से यूजर्स का गुस्सा भड़का
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उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने चिकित्सका एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मृतका के पति ने भी गंभीर आरोप लगाया है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया (Ballia) में बीमार महिला को ठेले (Patient on handcart) पर ले जाने का वीडियो वायरल (Video Viral) हो रहा है। ठेला कोई और खींचने वाला नहीं, बल्कि महिला का पति है। दुखद बात यह है कि तमाम प्रयास करने के बाद भी वो अपनी पत्नी की जान बचा नहीं सका। मामले का संज्ञान लेते हुए अब डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने उच्च स्तरीय जांच (High Level Investigation) का आदेश दिया है। उधर, लोग इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बलिया के अंदौर गांव के रहने वाले सकुल प्रजापति की 55 साल की पत्नी जोगनी की तबीयत खराब चल रही थी। उसे अपनी पत्नी को चिकलहार स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाना चाहता था, लेकिन कहीं कोई साधन नहीं मिला।

ऐसे में सकुल ने ठेले पर ही अपनी बीमार पत्नी को लाद लिया और स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंच गई। यहां जोगनी को प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सकुल का आरोप है कि उसे यहां कहीं भी एंबुलेंस नहीं मिली।

इस पर वो ठेला लेकर पियानिर गांव पहुंचा और यहां से घर जाकर अपने कपड़े और रुपये उठा लाया। इसके बाद 1100 रुपये में निजी एंबुलेंस की। इसके बाद पत्नी को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां रात को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। सकुल ने आरोप लगाया कि अगर समय रहते एंबुलेंस मिल जाती तो शायद उसकी पत्नी जीवित रहती।

वीडियो वायरल होने के बाद जांच के आदेश

इस पूरी घटना का वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो संज्ञान आने के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने चिकित्सका एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सीएमओ नीरज पांडे का कहना है कि इस मामले की जांच चल रही है।

लोग दे रहे कड़ी प्रतिक्रियाएं

ट्विटर यूजर अभ्यूदय सिंह ने कहा कि दोषी किसे मानेंगे आप? और कैसे? व्यवस्था में दीमग लगा हुआ है। अरुण ने लिखा, 'पिछले पांच साल में किसकी सरकार थी?' आकाश मिश्रा नामक यूजर ने लिखा, 'जांच के आदेश और करवाई करने के बजाय संसाधनों के लिए आने काले पैसे के पाई पाई का हिसाब लें। फिर कड़ी करवाई करें तो ज्यादा बेहतर है।' एक अन्य यूजर संदीप ने लिखा, 'इससे दो दिन पहले पीलीभीत में खुद तीमारदार अपने मरीज को स्ट्रेचर पर खींचता हुआ नजर आया था!' इसी प्रकार तमाम सोशल मीडिया यूजर्स इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मांग कर रही है कि सरकार को ऐसी दूसरी घटना नहीं होनी चाहिए।

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