Caste Census: अखिलेश के बाद अब मायावती ने भी उठाया जातीय जनगणना का मुद्दा, बोलीं- BJP की नींद उड़ गई

Caste Census: अखिलेश के बाद अब मायावती ने भी उठाया जातीय जनगणना का मुद्दा, बोलीं- BJP की नींद उड़ गई
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Mayawati On Caste Census: संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मायावती ने जातीय जनगणना की मांग को लेकर बैठक में बीएसपी द्वारा सरकार से देश में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग की है।

Mayawati On Caste Census: आगामी लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे सियासी दल अपने एजेंडों को लेकर एक्शन में दिखने लगे हैं। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी ने भी जातीय जनगणना कराने की मांग कर दी है। दरअसल, बीएसपी ने 4 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद में शीतकालीन सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में जातीय जनगणना की मांग एक बार फिर से कर दी है। यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने आज शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना कराने की मांग दोहराई है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार को इस संबंध में 'तत्काल सकारात्मक कदम' उठाना चाहिए।

बीजेेपी पर साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए मायावती ने कहा कि जाति आधारित जनगणना की जनता की मांग ने देश में सत्ताधारी पार्टी की 'रातों की नींद' उड़ा दी है। उन्होंने कहा कि जातिवादी शोषण और अत्याचार की शिकार तथा महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, खराब सड़कें, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था से त्रस्त देश की जनता में जाति जनगणना के प्रति अभूतपूर्व रुचि/जागरूकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की रातों की नींद उड़ गई है और कांग्रेस अपने अपराधों पर पर्दा डालने में व्यस्त है।

केंद्र सरकार कराए जातिगत जनगणना

बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों को सही मायने में उनका अधिकार मिले। हालांकि, विभिन्न राज्य सरकारें आधे-अधूरे मन से 'सामाजिक न्याय' के नाम पर जाति जनगणना कराकर काफी हद तक जन भावनाओं को संतुष्ट करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इसका सही समाधान तभी संभव है जब केंद्र सरकार अपने स्तर पर सही जाति जनगणना कराए। राष्ट्रीय स्तर पर और यह सुनिश्चित करें कि लोगों को उनके अधिकार दिए जाएं।

विपक्ष अपना 2024 लोकसभा चुनाव का एजेंडा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की राजनीति और जाति जनगणना के इर्द-गिर्द तैयार कर रहा है। बिहार सरकार ने राज्य में जातियों के अपने हाल ही में संपन्न सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए, जिससे पता चलता है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) बिहार की आबादी का 63% से अधिक है।

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