Gyanvapi Masjid: मायावती ने भी ज्ञानवापी विवाद पर बीजेपी को घेरा, कहा- देश में बढ़ेगी नफरत

Gyanvapi Masjid: मायावती ने भी ज्ञानवापी विवाद पर बीजेपी को घेरा, कहा- देश में बढ़ेगी नफरत
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के लिए बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों पर आरोप लगाया है। कहा है कि इससे देश में नफरत के सिवाए कुछ नहीं बचेगा। पढ़िये यह रिपोर्ट...

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi Masjid Controversy) पर पहली बार प्रतिक्रिया दी तो उसके एक दिन बाद बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) ने भी आज बीजेपी (BJP) पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी देश में केवल धार्मिक मामलों की आड़ में जनता को गुमराह कर रही है। इससे देश में आपसी नफरत के अलावा कुछ नहीं बचेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बयान में कहा कि देश में निरंतर बढ़ रही गरीबी, बेरोजगारी और आसमान छू रही महंगाई से त्रस्त जनता को ध्यान बांटने के लिए बीजेपी और इनके सहयोगी संगठन चुन-चुनकर धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहे हैं। यह सभी जानते हैं कि इससे कभी भी हालत बिगड़ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आजादी के वर्षों बाद अब ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल के साथ ही अन्य स्थलों की आड़ में जिस प्रकार षड्यंत्र के तहत लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है, इससे देश मजबूत नहीं बल्कि कमजोर ही होगा।

बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि विशेषकर धर्म समुदाय से जुड़े स्थानों के नाम भी एक-एक करके बदल रहे हैं तो इससे देश में शांति, सद्भाव व भाईचारा नहीं होगा बल्कि देश में आपसी नफरत एवं द्वेष की भावना पैदा होगी। यह देश के लिए बेहद चिंतनीय विषय है। बीजेपी को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कल पहली बार ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर पहली बार प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने आजमगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश ने कहा था कि बीजेपी और उसके सहयोगी घूंघट के पीछे रहकर ज्ञानवापी जैसी घटनाओं को जानबूझकर भड़काते हैं। ज्ञानवापी मस्जिद जैसी घटनाएं सामने आती हैं ताकि आम जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस न हो सके। देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है, लेकिन सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। आज जब बहसें देखते हैं, तो हम नहीं जानते कि देश की कौन सी संपत्ति बिक गई है। बीजेपी ने दिया 'वन नेशन वन राशन' का नारा, लेकिन लगता है 'वन नेशन वन बिजनेसमैन' के लिए काम कर रहे हैं।

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