मेरठ में प्रेमिका कर रही थी धार्मिक स्थल पर घुमने की जिद्द, दबाव में आने पर प्रेमी ने उठाया चौंकाने वाला कदम

मेरठ में प्रेमिका कर रही थी धार्मिक स्थल पर घुमने की जिद्द, दबाव में आने पर प्रेमी ने उठाया चौंकाने वाला कदम
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मेरठ पुलिस ने जानी थाना क्षेत्र के सिवालखास के रहने वाले आरोपी साहिल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने चौंकाने वाला खुलासा किया है। वो पुलिस से माफी मांग रहा है कि कभी गलती नहीं होगी। जानिये पूरा मामला...

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) में एक शख्स अपनी प्रेमिका (Girl Friend) को घुमाने के लिए चोर बन गया। पहली चोरी होने के कारण छोटी सी गलती में पकड़ा गया। पुलिस (Police) ने पूछताछ की तो आरोपी ने ऐसा खुलासा किया, जिससे पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए। आरोपी गुहार लगाता रहा कि उसे माफ कर दो, कभी गलती नहीं करेगा। पुलिस ने आरोपी (Accused) के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जानी थाना क्षेत्र के सिवालखास के रहने वाले सुधीर शर्मा की कस्बे में मुख्य मार्ग पर कपड़ों की दुकान है। 13 अप्रैल को दुकान से 60 हजार रुपये की चोरी हो गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर चोर की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान सीसीटीवी खंगाला गया, जिसमें चोर करने वाला दिखाई दिया।

पुलिस ने सिवालखास के ही साहिल उर्फ नेच्चा को गिरफ्तार किया। पूछताछ में साहिल ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसकी प्रेमिका है, जो हरिद्वार घुमना चाहती थी। प्रेमिका ने कहा था कि वहां एक महीने तक रहना है। उसके पास पैसे नहीं थे, इसलिए उसने चोरी की। आरोपी की प्रेमिका 20 साल की है।

आरोपी साहिल से जब पूछा गया कि धार्मिक स्थल पर जाने के लिए चोरी करना क्या ठीक है तो वो माफी मांगने लगा। उसने कहा कि गलती हो गई है। वो कभी दोबारा नहीं करेगा। पुलिस ने आरोपी से महज 34 हजार रुपये बरामद किए हैं। ऐसे में उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

हरि का द्वार अर्थात हरिद्वार

मान्यता के अनुसार हरिद्वार का अर्थ 'हरि (ईश्वर) का द्वार' होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान धन्वन्तरी अमृत का घड़ा ले जा रहे थे तो उसी दौरान अमृत की कुछ बूंदे हरिद्वार में गिर गई थीं। हरिद्वार के साथ उज्जैन, नासिक और प्रयाग में भी अमृत की बूंदे गिरी थीं। इन चारों स्थानों पर हर 12वें वर्ष महाकुंभ का आयोजन होता है। एक स्थान पर महाकुंभ होने के बाद तीन वर्षों के बाद दूसरे स्थान पर महाकुंभ का आयोजन होता है। इस प्रकार 12वें महाकुंभ पहले वाले स्थान पर आ जाता है। हरिद्वार में देश के हर हिस्से से नहीं, बल्कि विदेशों से भी रोजाना हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। पूजन करते हैं और गंगा नदी में स्नान करते हैं।

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