यूपी के इस गांव में पानी की भारी किल्लत, एक बाल्टी पानी में नहाएं या पिएं, रिश्तों के लिए...

यूपी के इस गांव में पानी की भारी किल्लत, एक बाल्टी पानी में नहाएं या पिएं, रिश्तों के लिए...
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उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के लहुरियादह गांव में पानी का समाधान नहीं हो पा रहा है। मध्यप्रदेश की सीमा से पठारी क्षेत्र में स्थित इस गांव में आजादी के बाद आज तक पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या का समाधान किसी भी सरकार ने नहीं किया।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pardesh) के मिर्जापुर (Mirzapur) के लहुरियादह गांव में पानी का समाधान नहीं हो पा रहा है। मध्यप्रदेश की सीमा से पठारी क्षेत्र में स्थित इस गांव में आजादी के बाद आज तक पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या का समाधान किसी भी सरकार ने नहीं किया। हालांकि, गांव में पानी की सप्लाई टैंकरों से की जाती है, लेकिन लोगों को एक ही बॉल्टी पानी मिलता है।

भूगर्भ जल स्तर (Ground Water Level) नीचे जाने की वजह से यहां विकट स्थिति खड़ी हुई है। बताया गया है कि लगभग 100 से ज्यादा गांवों में पानी का संकट गहरा गया है। टैंकरों की गांवों में पानी की सप्लाई की जा रही है। लेकिन एक व्यक्ति को सिर्फ एक बाल्टी ही पानी ही दिया जाता है। विंध्य पहाड़ी एरिया के ज्यादातर क्षेत्र पठारी है। गर्मी में यहां का जलस्तर नीचे ही रहता है, लेकिन इस बार अधिक गर्मी पड़ने से संकट ज्यादा खड़ा हुआ है। नलों से पानी निकलना बंद हो गया। अब मई में हालात और बदतर हो गए है। नदी और तालाब सूख चुके हैं या फिर सूखने की कगार पर हैं। यहां तक की पानी संकट की वजह से युवाओं के रिश्ते भी नहीं आ रहे है।

मिर्ज़ापुर से जिला मुख्यालय से यह गांव तकरीबन 70 किलो मीटर दूर पड़ता है। इसकी आबादी 1200 के करीब है। हालांकि, मिर्जापुर के करीब 100 से ज्यादा गांव पानी संकट से लड़ रहे है। लहुरियादाह गांव के लोग ड्राइवर, चरवाहे और मजदूरी करते है। पशु पक्षियों को पानी की किल्लत से गुजरना पड़ रहा है। ग्रामीण कुशल का कहना है कि रोजना एक व्यक्ति को सिर्फ 15 लीटर ही पानी मिलता है। प्रधान का कहना है कि गांव ऊंचाई पर होने की वजह से दिक्कत अधिक है। ग्राम प्रधान का कहना है कि अभी तक पानी की लाइन डालने का कार्य भी नहीं किया गया है। जल निगम के अधिशासी अभियंता संदीप सिंह ने बताया कि जल जीवन मिशन से करीब 743 ग्राम सभाओं को जोड़ा जा चुका है। जिले में योजना के तहत 65 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है।

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