गोरखपुर से दो बहनों के अपहरण मामले में नाटकीय मोड़, थानेदार के निलंबन के बाद यह हकीकत आई सामने

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से दो सगी बहनों का अपहरण होने के मामले में नाटकीय मोड़ आ गया है। पुलिस के समक्ष दोनों लड़कियों ने खुलासा किया है कि उनका अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि उन्होंने अपने परिजनों की प्रताड़ना के चलते घर छोड़ा था। यह वही मामला है, जिसमें पीड़ित पिता की शिकायत पर मामला दर्ज न करने के आरोप में संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित किया जा चुका है। हालांकि लड़की के घरवालों का आरोप है कि उनकी बेटियां किसी दबाव के चलते अपने परिवार के खिलाफ बयान दे रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोरखपुर जिले के चौरीचौरा इलाके से कुछ दिन पहले दो सगी बहनें संदिग्ध हालात में लापता हो गई थीं। परिजनों ने दोनों की काफी तलाश की, लेकिन जब कहीं कुछ पता नहीं चला तो संबंधित थाना पहुंचकर पुलिस को मामले से अवगत कराया। आरोप है कि थाना प्रभारी इकरार अहमद ने उनकी शिकायत पर मामला दर्ज नहीं किया।
बीते शनिवार को थाना समाधान दिवस में एसएसपी के समक्ष पहुंचकर पीड़ित परिवार ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इस पर एसएसपी ने संबंधित थाना प्रभारी को तुरंत निलंबित कर लड़कियों का जल्द से जल्द पता लगाने के निर्देश दिए। एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने लड़कियों की तलाश शुरू की और एक दिन के भीतर ही उन्हें खोज निकाला।
एक लड़की गोरखपुर में ही नर्सिंग होम में काम कर रही थी, जबकि दूसरी लड़की एक घर में काम करती बरामद की गई। दोनों लड़कियों ने पुलिस के समक्ष बयान दिया कि उनका अपहरण नहीं हुआ था। आरोप के मुताबिक परिजन दोनों को तंग करते थे और उन पर कई तरह की बंदिशें लगा रखी थी। इसके चलते दोनों बहनों ने घर छोड़ने का निर्णय लिया था।
इन आरोपों को लड़कियों के घरवालों ने गलत बताया है। लड़कियों के पिता का कहना है कि पट्टीदारों ने उनकी बेटियों को बहलाफुसलाकर ऐसा बयान देने के लिए बाध्य किया है। उन्होंने ही उनकी बेटियों का अपहरण किया था। इस संबंध में एसपी नार्थ मनोज अवस्थी का कहना है कि दोनों लड़कियों को सकुशल बरामद किया गया है। जांच चल रही है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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