Noida: नोएडा स्पोर्ट्स सिटी में फंसे 40 हजार परिवारों के लिए बड़ी खबर, दीपावली तक मिल सकती है राहत

Noida Sports City: नोएडा के सेक्टर-150 में बसने वाली स्पोर्ट्स सिटी में निवेश करने वाले 40 हजार से अधिक निवेशकों के लिए राहत बड़ी खबर सामने आई है। डेवलपर्स ने 14 साल बाद इस योजना का रिवाइज्ड प्लान नोएडा प्राधिकरण को सौंप दिया है। खास बात है कि नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने रिवाइज्ड प्लान (Revised Plan) का परीक्षण करना भी शुरू कर दिया है। अगर सब ठीक रहता है तो इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। इसके बाद मंजूरी मिलते ही निवेशकों के लिए रजिस्ट्री की सुविधा शुरू हो जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नोएडा प्राधिकरण ने खेलों को आगे बढ़ाने के लिए सेक्टर-150 में स्पोर्ट्स सिटी विकसित करने की योजना बनाई गई थी। यह योजना साल 2008 से अटकी पड़ी थी। बीते जुलाई महीने में अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नोएडा प्राधिकरण और डेवलपर्स के बीच मेराथन बैठक हुई। करीब आठ घंटे तक चली बैठक के बाद डेवलपर्स को निर्देश दिए गए कि स्पोर्टस सिटी की सुविधाओं को लेकर इंटीग्रेटिड प्लान तैयार करें और रिवाइज प्लान प्रस्तुत करें।
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि डेवलपर्स ने रिवाइज्ड प्लान सौंप दिया है। रिवाइज्ड प्लान का परीक्षण चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ ठीक रहता है तो यह प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा और इसके बाद इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जागएा। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से मंजूरी मिलते ही स्पोर्ट्स सिटी में खरीदारों की रजिस्ट्री का मौका संभव हो जाएगा।
इन खेलों के ग्राउंड का होना था निर्माण
- गोल्फ कोर्स (नौ होल्स) की निर्माण करीब 40 करोड़ रुपये
- मल्टीपर्पज प्ले फील्ड का निर्माण 10 करोड़ रुपये
- टेनिस सेंटर का निर्माण 35 करोड़ रुपये
- स्वीमिंग सेंटर का निर्माण 50 करोड़
- प्रो-शाप्स/फूड बेवरेज का निर्माण 30 करोड़
- आइटी सेंटर/एडमिनिस्ट्रेशन/मीडिया सेंटर 65 करोड़
- इंडोर मल्टीपर्पज स्टोर्स 30 करोड़
- क्रिकेट अकादमी, इंटरनल रोड एंड पार्क 25 करोड़
- हास्पिटल, सीनियर लिविंग/मेडिसन सेंटर 60 करोड़
इन 6 बिंदुओं पर हुई थी चर्चा
1. सीएजी की आपत्तियां
2. खेल सुविधाएं विकसित करने के लिव भविष्य की योजनाएं
3. कैसे-कैसे प्रोजेक्ट की विकसित करेंगे
4. कौन सी खेल संस्था से कसंल्टेंसी लेंगे
5. मानकों के अनुरूप विकसित करने के लिए सरकारी संस्था से मंजूरी
6. बकाया कब तक देंगे आदि बिंदुओं पर चर्चा हुई।
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