कोरोना के साथ इस 'बड़ी बीमारी' से भी जूझ रही यूपी पुलिस, चार हजार से ज्यादा जवानों का चल रहा इलाज

कोरोना के साथ इस बड़ी बीमारी से भी जूझ रही यूपी पुलिस, चार हजार से ज्यादा जवानों  का चल रहा इलाज
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उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार का कहना है कि पुलिस ने अपने संसाधनों से अब तक 2,365 बेड का इंतजाम पुलिस लाइनों में किया है। इन अस्पतालों में कुल 1891 पॉजिटिव पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है।

उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच यूपी पुलिस के जवान भी खुद को संक्रमित होने से बचा नहीं पा रहे। अप्रैल माह से अब तक 20 हजार से ज्यादा जवान कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 15 हजार पुलिसकर्मी ठीक हो गए हैं, लेकिन बाकी पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है। हालात का अंदाजा यहां से लगाया जा सकता है कि तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद प्रदेश पुलिस को अपने जवानों की देखभाल के लिए अपने स्तर पर भी इंतजाम करने पड़े हैं।

उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार का कहना है कि पुलिस ने अपने संसाधनों से अब तक 2,365 बेड का इंतजाम पुलिस लाइनों में किया है। इनमें 260 बेड ऑक्सीजन सुविधायुक्त हैं। इन अस्पतालों में कुल 1891 पॉजिटिव पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है और 854 डिस्चार्ज हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि भर्ती पुलिसकर्मियों में 15 ऐसे रहे हैं, जो बीमारी बढ़ने पर बड़े अस्पतालों में रेफर किए गए हैं। जीआरपी के एक कोविड केयर सेंटर में भर्ती पुलिसकर्मी की मौत भी हुई है। उनके मुताबिक प्रदेश में 4,256 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव हैं। अब तक कुल 15,409 पुलिसकर्मी इस महामारी से ठीक हो चुके हैं।

रिकवरी के बाद 24 घंटे ड्यूटी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद पुलिसकर्मी दोबारा से ड्यूटी पर लौट रहे हैं ताकि कोरोना के खिलाफ चल रही जंग कमजोर न पड़ सके। कोरोना महामारी के बावजूद प्रदेश में आपराधिक घटनाएं कम नहीं हुई हैं। ऐसे में पुलिस पर कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने के साथ ही रोजाना होने वाली आपराधिक वारदातों को भी सुलझाने का दबाव है। तमाम चुनौतियों के बावजूद पुलिसकर्मी दिनरात काम कर रहे हैं ताकि आम जनता कोरोना और अपराध, दोनों से सुरक्षित रह सके।

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