मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन में लगी 'टिंकी' की प्रतिमा तो भावुक हो गए पुलिस अधिकारी, डॉग स्कवायड एएसपी की ये है कहानी...

मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन में लगी टिंकी की प्रतिमा तो भावुक हो गए पुलिस अधिकारी, डॉग स्कवायड एएसपी की ये है कहानी...
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मध्य प्रदेश के टेकनपुर स्थित बीएसएफ प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 2013 में बतौर हेड कांस्टेबल डाग स्क्वाड जॉइन किया था। अपने छह साल के कार्यकाल के दौरान टिंकी को छह प्रमोशन मिले। पिछले साल नवंबर माह में आंतों के संक्रमण से टिंकी की मौत हुई तो उस वक्त एएसपी रैंक पर थीं। टिंकी की याद में पुलिसकर्मी और अधिकारी साेशल मीडिया पर उन वारदातों की कटिंग शेयर कर रहे हैं , जो टिंकी ने सुलझाए थे। पेश है ये रिपोर्ट...

मुजफ्फरनगर की पुलिस लाइन में जब फीमेल डॉग क्यूटिक्स उर्फ टिंकी की प्रतिमा का अनावरण हुआ तो पुलिस अधिकारी भी भावुक हो गए। पुलिस की डॉग स्कवायड में छह साल तक अपराधियों की धरपकड़ में सहयोग करने वाली टिंकी की बीमारी से मौत हो गई। उसे एएसआई के रैंक से नवाजा गया था। जफ्फरनगर पुलिस ने उसकी याद में पुलिस लाइन में प्रतिमा लगाई है। टिंकी की याद में पुलिसकर्मी उसकी ओर से सुलझाए गए मामलों की मीडिया कवरेज वाली कटिंग भी शेयर कर रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।

एएसपी टिंकी ने अपने कार्यकाल के दौरान हत्या, लूट और चोरी समेत 49 संगीन मामलों का खुलासा करने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। निधन के बाद पुलिस लाइन में पूरे सम्मान के साथ टिंकी का अंतिम संस्कार किया गया था। टिंकी ने मध्य प्रदेश के टेकनपुर स्थित बीएसएफ प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 2013 में डाग स्क्वाड में बतौर हेड कांस्टेबल जॉइन किया था।अपने प्रशिक्षण और क्षमता की वजह से टिंकी ने कई संगीन मामलों में अपराधियों तक पहुंचने में पुलिस की मदद की। छह साल के दौरान उसने छह प्रमोशन हासिल किए।

पिछले साल नवंबर माह में टिंकी की मौत आंतों में संक्रमण होने से हो गई थी। मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपनी इस जांबाज और होनहार डॉग स्कवायड को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस लाइन में उसकी प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया। करीब ढाई माह का समय गुजर जाने के बाद भी पुलिस अधिकारी टिंकी को बेहद मिस करते हैं। टिंकी जहां अपराधियों के प्रति सख्त थी, वहीं बच्चों के साथ खेलना उसे बेहद पसंद था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टिंकी के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं। 2017 में मुजफ्फरनगर के भोपा इलाके के परसोली गांव में हत्या हुई थी, लेकिन आरोपी ने शव को ठिकाने लगा दिया था। जब कहीं भी पता नहीं चला तो टिंकी की मदद ली गई। टिंकी ने मौके का मुआयना किया और पुलिस को एक तालाब की ओर ले गई। इसके बाद तालाब के भीतर जाकर शव निकाल लाई। उस घटना में करीब आठ दिन बाद शव बरामद हुआ था।

2018 में भौराकलां के गांव कपूरगढ़ में युवती लापता हो गई थी। टिंकी ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद न केवल भूसे में छिपाए शव को बरामद करा दिया, बल्कि हत्यारोपी बहन को भी पकड़ने में मदद की। इसके अलावा भी कई संगीन मामले टिंकी की मदद से ही सुलझाए जा सके थे। पुलिस अधिकारियों ने प्रतिमा के अनावरण अवसर पर कहा कि क्यूटिक्स उर्फ टिंकी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा।

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