फिरोजाबाद नाम बदलने का ऐलान, अब इस नाम से जानी जाएगी सुहाग नगरी

Firozabad New Name: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद का नाम बदलने का ऐलान हो गया है। शहर का नाम बदलने के इस प्रस्ताव को फिरोजाबाद नगर निगम में पारित किया गया है। चूड़ियों के लिए मशहूर सुहाग नगरी फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर करने का प्रस्ताव बीते दिन यानी की गुरुवार को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में पारित किया गया। बता दें कि यह दूसरी बार है जब शहर का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इससे पहले यह प्रस्ताव अगस्त 2021 में जिला पंचायत की बैठक में भी पारित हो गया था। नगर निगम की बैठक में 12 में कुल 11 कार्यकारिणी सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
अंतिम स्वीकृति के सीएम योगी के पास भेजा गया प्रस्ताव
नगर निगम से पारित इस प्रस्ताव को अब अंतिम स्वीकृति के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के पास भेज दिया गया है, सरकार के मंजूरी मिलने के बाद फिरोजाबाद जिला चंद्रनगर के नाम से जाना जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्यकारिणी सदस्यों ने कहा कि फिरोजाबाद का नाम पहले चंद्रनगर ही था। लिहाजा नाम बदला नहीं गया है, बल्कि पहले रखे गए नाम को वापस सम्मान दिया गया है। बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव था कि फिरोजाबाद का नाम दोबारा चंद्रनगर कर दिया जाए। इसे अब मंजूरी दे दी गई है।
जानें कैसे पड़ा फिरोजाबाद नाम
उत्तर प्रदेश में 5 फरवरी 1989 को फिरोजाबाद जिला बनाया गया था और इसको फिरोजाबाद जिले के नाम से ही जाना गया। ऐसा कहा जाता है कि मुगल बादशाह अकबर के सेनापति फिरोजशाह के नाम पर इस शहर का नाम फिरोजाबाद रखा गया। दरअसल इसके पीछे की कहानी की बात की जाए तो अकबर के नवरत्नों में एक राजा टोडरमल थे। जो अपने पित्रों का पिंडदान करने के लिए जा रहे थे। तभी उनके साथ लुटेरों ने लूट की घटना की, जिसमें उनके काफी ऊंट लूट लिए गए। इसके बाद उन्होंने अपनी पीड़ा राजा अकबर को बताई। उन्होंने अकबर से कहा कि आप इतने बड़े सम्राट हैं और आपके यहां इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। तब अकबर की सेना के सेनापति फिरोज शाह को यहां भेजा गया और उन्होंने यहां लुटेरों का खात्मा किया। इसके बाद फिरोज शाह यहीं रहने लगे और ये नगर फिरोज शाह के नाम से पड़ गया। उसके बाद उनका इंतकाल हो गया और उनका मकबरा फिरोज शाह के नाम से बना दिया गया जो आज भी मौजूद है।
चंद्रनगर का इतिहास
दरअसल, चंद्रनगर के इतिहास की बात की जाए तो मुगल शासन से पहले फिरोजाबाद में एक जगह ऐसी है जहां राजा चंद्रसेन की रियासत थी। राजा चंद्रसेन अपने महल में बैठकर प्रजा की समस्या सुनते थे और उनका समाधान करते थे। वहां चंद्रनगर बसा हुआ था। इसलिए इसे चंद्रनगर के नाम से जाता था। राजा चंद्रसेन बहुत ही तेज तर्रार योद्धा थे। हालांकि मौजूदा वक्त में वहां चंद्रसेन का दरबार खंडहर में तब्दील हो चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक शहर का नाम बदलने में 300 से 500 करोड़ रुपये का खर्च आता है। यूपी में बीजेपी सरकार आने के बाद प्रदेश के जिलों और शहरों के मुगलकालीन नाम बदलने की कवायद तेज हुई है।
इससे पहले भी बदला गया है नाम
बता दें कि इससे पहले अलीगढ़ का नाम बदलकर हरि गढ़ करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ था। इसके अलावा फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या और इलाहाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया। उधर, मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय पहले ही किया जा चुका है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यूपी सरकार ने महिलाओं को बड़ी सौगात दी है। लिंक पर क्लिक कर खबर को पढ़िए।
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