प्रयागराज में AIMIM के जिलाध्यक्ष शाह आलम समेत पांच आरोपियों का गैरजमानती वारंट जारी, सरेंडर न करने पर होगी घर की कुर्की!

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) ने 10 जून को जुमे की नमाज (Jume ki Namaz) के उपरांत भड़की हिंसा मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के जिलाध्यक्ष शाह आलम (Shah Alam) समेत पांच आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट (Non-bailable Warrant) जारी कर लिया है। एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शाह आलम, करेली पार्षद फजल, उमर खालिद, आशीष मित्तल और जीशान रहमानी की तलाश चल रही है, लेकिन अभी तक गिरफ्त में नहीं आए हैं। पुलिस का कहना है कि अगर आरोपियों ने सरेंडर नहीं किया तो उनके घरों की कुर्की (House Attachment) की कार्रवाई हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश में तीन जून को जुमे की नमाज के उपरांत हिंसा भड़की थी। इसके बाद दस जून को जुमे की नमाज के उपरांत कई जिलों में भी हिंसा हुई। इस हिंसा के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और ज्यादा तेज कर दी। प्रयागराज के मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद उर्फ पंप के साथ ही कानपुर और अन्य जिलों में भी कई अवैध घरों को ढहा दिया गया। पुलिस ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की थी कि किसी बहकावे में न आएं और हिंसा न करें। पुलिस की तैयारियों और ताबड़तोड़ कार्रवाई के चलते बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भी शांति कायम रही।
अब प्रयागराज से बड़ी खबर सामने आई है। यहां पुलिस ने एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शाह आलम, करेली पार्षद फजल, उमर खालिद, अशीष मित्तल और जीशान रहमानी का गैरजमानती वारंट कोर्ट से जारी करा लिया है। पुलिस ने अटाला में 70 लोगों को नामजद करते हुए 5400 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया और बाकियों की पहचान व तलाश चल रही है। साजिशकर्ता में शामिल उमर व जीशान 2020 में मंसूर अली पार्क में हुए सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शन में भी शामिल थे। पुलिस का कहना है कि अगर आरोपी जल्द सरेंडर नहीं करते तो उनके घर को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
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