इलाहाबादी कालजयी शायर बने अब प्रयागराजी, UP शिक्षा विभाग ने बदला सर NAME, हुई कढ़ी आलोचना

इलाहाबादी कालजयी शायर बने अब प्रयागराजी, UP शिक्षा विभाग ने बदला सर NAME, हुई कढ़ी आलोचना
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उत्तर प्रदेश के मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार में प्रदेश में कई जिलों के नाम बदले गए हैं। वही अब एक मशहूर शायर (Famous Poet) के नाम के साथ छेड़छाड़ किया गया है। ये कोई और नहीं बल्कि मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ( Akbar Allahabadi) हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार में प्रदेश में कई जिलों के नाम बदले गए हैं। वही अब एक मशहूर शायर (Famous Poet) के नाम के साथ छेड़छाड़ किया गया है। ये कोई और नहीं बल्कि मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ( Akbar Allahabadi) हैं। जिनकी कालजयी शेर में वह दिखा रहे हैं कि कवि सरकार के दबाव से बाहर होते हैं, लेकिन योगी सरकार (Yogi government) में उनके व्यक्तित्व के साथ खिलवाड़ किया गया है।

बता दें कि इलाहाबाद का नाम बदलकर यूपी में प्रयागराज कर दिया गया था। अब उच्च शिक्षा सेवा आयोग (Higher Education Service Commission) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट uphesc.org के 'अबाउट अस' कॉलम में अबाउट इलाहाबाद सब कॉलम दिया है। इस पर क्लिक करने पर एक पेज खुल जाता है। जिसमें एबाउट इलाहाबाद के बारे में लिखा है।

इस पर क्लिक करने पर एक पेज खुल जाता है। इसमें प्रयागराज का इतिहास लिखा गया है। 462 शब्दों में लिखे गए इतिहास में जहां हिन्दी साहित्य का इतिहास लिखा गया है, वहीं अकबर इलाहाबादी (Akbar Allahabadi) को अकबर प्रयागराज लिखा गया है। इसके अलावा तेज इलाहाबादी (Tej Allahabadi) को तेग प्रयागराजी और राशिद इलाहाबादी (Rashid Allahabadi) को राशिद प्रयागराजी लिखा गया है।

आलोचना शुरू होने के बाद उच्च शिक्षा सेवा आयोग के अध्यक्ष ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने खुद को पूरे मामले से अनजान बताया है। वही प्रसिद्ध कहानीकार राजेंद्र कुमार ने भी उच्च शिक्षा आयोग के इस बदलाव को मूर्खतापूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि शहर का नाम बदल दिया गया है। यदि कोई शास्त्रीय साहित्यकार अपने नाम के आगे इलाहाबादी लिखता रहा है और वही उसकी पहचान बन गया है तो उसे कैसे बदला जा सकता है? यह इतिहास मिटाने जैसा है।

आयोग को इसे तुरंत ठीक करना चाहिए। साथ ही प्रसिद्ध कवि श्लेष गौतम का कहना है कि अकबर इलाहाबादी को अकबर प्रयागराजी लिखना गलत है। अकबर इलाहाबादी उनकी पहचान है। भले ही बाद में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया हो, लेकिन आप इतने महान कवि के नाम के साथ छेड़छाड़ कैसे कर सकते हैं। यह गलत और निंदनीय है।

कौन है अकबर इलाहाबादी

अकबर इलाहाबादी का जन्म 16 नवंबर 1846 को बारा के एक परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम सैयद अकबर हुसैन था। उनके पिता का नाम सैयद तफ़ज़ुल हुसैन था। शायरी की दुनिया में लोग उन्हें अकबर इलाहाबादी के नाम से जानते हैं। उनकी प्रमुख रचनाएँ आज भी लोगों की जुबान पर रहती हैं। हंगामा क्यों बरपा है भाई, कोई हंस रहा है, कोई रो रहा है, दुनिया में हूं, दुनिया का तलबगार नहीं हूं जैसी कालजयी रचनाएं लिखने वाले अकबर इलाहाबादी आज भी लोगों के जेहन में जिंदा हैं।

तेग इलाहाबादी बंटवारे के बाद चले गए पाकिस्तान

तेग इलाहाबादी जिनका असली नाम मुस्तफा जैदी था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले तेग बंटवारे से पहले यहां रहे और बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए। कराची में बैठकर शायरी करने वाले तेग अपने नाम के आगे 'इलाहाबादी' होने की याद कभी नहीं भूल पाए।

राशिद को यूपी उर्दू अकादमी द्वारा किया गया सम्मानित

राशिद इलाहाबादी निसार अहमद के पुत्रों में से एक हैं। उनका जन्म जनवरी 1944 को इलाहाबाद जिले के लाल गोपालगंज के रावन में हुआ था। उनकी रचनाएँ भारतीय और विदेशी पत्रिकाओं में प्रकाशित होती हैं। उनके कविता संग्रह 'मुट्ठी में आफताब' को यूपी उर्दू अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया है।

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