प्रयागराज में मजदूरों के जख्मों पर मरहम लगाने पहुंचे डॉ. संजय निषाद को ग्रामीणों ने दौड़ाया, इस कारण भड़का गुस्सा...

प्रयागराज के बसवार गांव में बालू माफियाओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के दौरान चोटिल हुए लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने पहुंचे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद के समक्ष उस समय अजीब हालात बन गए, जब ग्रामीणों की उनसे झड़प हो गई। ग्रामीणों ने न केवल निषाद, बल्कि उनके साथ आए समर्थकों को भी गांव से बाहर दौड़ा दिया। सुरक्षाकर्मियों को पूरे घटनाक्रम के दौरान संजय निषाद को सुरक्षित निकालने के लिए खासी जद्दोजहद करनी पड़ी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा है और मांग की है कि भाजपा सरकार निषाद समाज से माफी मांगे।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस घटनाक्रम के बाद डॉक्टर संजय निषाद ने अपने समर्थकों के साथ मामा भांजा बाजार में प्रयागराज-रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया। इससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन उनकी किसी भी बात को मानने से इनकार कर दिया गया। करीब आधे घंटे बाद एसडीएम विनोद कुमार ने उनकी वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से बात कराई। वरिष्ठ अधिकारियों से मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा मिलने के बाद निषाद समर्थकों ने जाम खोल दिया।
प्रयागराज में भाजपा सरकार ने निषाद समाज की नावें तोड़कर उनके पेट पर लात मारी है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 5, 2021
भाजपा सरकार तत्काल निषाद समाज से माफ़ी माँगे और रोज़गार के लिए नयी नावें दे।
उप्र सरकार ने डायल 100 जैसी सुविधाएं निष्क्रिय कर दी हैं व ठोको नीति के तहत अब ग़रीबों तक को निशाना बनाया जा रहा है। pic.twitter.com/hbj8EoxGru
यह है मामला
प्रयागराज जिला प्रशासन को सूचना थी कि नैनी क्षेत्र के मोहब्बतगंज ठाकुरी का पुरवा गांव के कछार में बालू खनन किया जा रहा है। इस पर जिला प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची, जहां उनका भूमाफियाओं से सामना हो गया। पुलिस ने जब बालू को जेसीबी की मदद से नदी में फेंकना शुरू किया तो बालू माफियाओं ने पथराव करा दिया। इस पर पुलिस की ओर से भी लाठीचार्ज किया गया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया।
आक्रोशित लोग कर रहे विरोध
पुलिस कार्रवाई के बाद ही बसवार गांव के ग्रामीण सड़क पर उतर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने निर्दोष लोगों को पीटा है और कई नाविकों की नाव तोड़ दी है। डॉक्टर संजय निषाद और उनके समर्थकों को गांव से बाहर निकालने के बाद ग्रामीणों ने अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा की अगुवाई में रैली निकाली। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि नाविकों को हुए नुकसान की भरपाई और उन पर दर्ज फर्जी मामले वापस लेकर जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, वे शांत नहीं बैठेंगे। बसवार के साथ आसपास के करीब छह गांवों के ग्रामीण इस रैली में शामिल हुए हैं।
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