राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने लखनऊ में किया डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक का शिलान्यास, जानिये संविधान निर्माता को किस तरह से किया याद

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने लखनऊ में किया डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक का शिलान्यास, जानिये संविधान निर्माता को किस तरह से किया याद
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कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी की शिरकत। 1.34 एकड़ में बनने वाले इस स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र में बाबा साहब की 25 फीट ऊंची प्रतिमा लगेगी। यहां उनकी पवित्र अस्थियों के कलश को भी दर्शनों के लिए रखा जाएगा।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने लोकभवन में मंगलवार को भारत रत्न डॉक्टर भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र का वर्चुअल शिलान्यास किया। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। 1.34 एकड़ में बनने वाले इस स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र के निर्माण पर 45 करोड़ की लागत आएगी। यहां पर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी। साथ ही बाबा साहब की पवित्र अस्थियों के कलश को भी दर्शन के लिए रखा जाएगा।

इस मौके पर इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लखनऊ शहर से बाबा साहब आंबेडकर का भी एक खास संबंध रहा है, जिसके कारण लखनऊ को बाबा साहब की 'स्नेह-भूमि' भी कहा जाता है। बाबा साहब के लिए गुरु-समान, बोधानन्द जी और उन्हें दीक्षा प्रदान करने वाले भदंत प्रज्ञानन्द जी, दोनों का निवास लखनऊ में ही था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा बाबा साहब से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों को तीर्थ-स्थलों के रूप में विकसित किया गया है। महू में उनकी जन्म-भूमि, नागपुर में दीक्षा-भूमि, दिल्ली में परिनिर्वाण-स्थल, मुंबई में चैत्य-भूमि तथा लंदन में 'आंबेडकर मेमोरियल होम' को तीर्थ-स्थलों की श्रेणी में रखा गया है।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर एक शिक्षाविद, अर्थ-शास्त्री, विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, समाज-शास्त्री व समाज सुधारक तो थे ही, उन्होंने संस्कृति, धर्म और अध्यात्म के क्षेत्रों में भी अपना अमूल्य योगदान दिया है। भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के अलावा, हमारे बैंकिंग, इरिगेशन, इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम, लेबर मैनेजमेंट सिस्टम, रेवेन्यू शेयरिंग सिस्टम, शिक्षा व्यवस्था आदि सभी क्षेत्रों पर डॉक्टर आंबेडकर के योगदान की छाप है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के विजन में चार बातें सबसे महत्वपूर्ण रहीं हैं। ये चार बातें हैं - नैतिकता, समता, आत्म-सम्मान और भारतीयता। इन चारों आदर्शों तथा जीवन मूल्यों की झलक बाबा साहब के चिंतन एवं कार्यों में दिखाई देती है।

कार्यक्रम में मौजूद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के संवैधानिक प्रमुख के रूप में आदरणीय राष्ट्रपति का प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदेशवासियों की ओर से हृदय से स्वागत व अभिनंदन करता हूं। मैं आभारी हूं कि माननीय राष्ट्रपति ने भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के इस भव्य स्मारक और सांस्कृतिक केंद्र के भूमिपूजन और शिलान्यास कार्यक्रम हेतु हम सबको समय दिया। आज उनके कर-कमलों से यह कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है।

सीएम ने कहा कि जब भी समाज के वंचितों की बात होगी तब भीमराव आंबेडकर का नाम सम्मान के साथ लिया जाएगा। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जब भी वंचितों, दलितों, उपेक्षितों और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हुए व्यक्ति की आवाज की बात होगी तो बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर का नाम बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ विश्व मानवता सदैव लेगी।

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