सोनभद्र में बोले राष्ट्रपति, 'आदिवासी और वनवासी समाज के विकास बिना देश का समग्र विकास संभव नहीं'

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आदिवासी और वनवासी समाज के बिना देश के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। हमारे देश की आत्मा, ग्रामीण और वनवासी अंचलों में बसती है। यदि कोई भी भारत की जड़ों से परिचित होना चाहता है, तो उसे सोनभद्र जैसे स्थान में कुछ समय बिताना चाहिए।
सोनभद्र के बभनी स्थित सेवा कुंज आश्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आदिवासियों से संबोधन उनकी ही भाषा में शुरू किया। कार्यक्रम में राज्यपाल आंनदी बेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि सबन भाई-बहिनी को जोहार ! माई बिंध्यवासिनी अउर ज्वाला देवी के आसीरबाद लेवे के खातिर अउर अपने बनवासी समाज के भाई-बहिनी से मिले हम ई सोनाञ्चल में आज आइल हई।
उन्होंने कहा कि आज मुझे भगवान बिरसा मुंडा जी का स्मरण हो रहा है। उन्होंने अंग्रेजों के शोषण से वन संपदा और वनवासी समुदाय की संस्कृति की रक्षा के लिए अनवरत युद्ध किया और शहीद हुए। उनका जीवन केवल जनजातीय समुदायों के लिए ही नहीं बल्कि सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा और आदर्श का स्रोत रहा है। मुझे इस बात का संतोष है कि मेरी सांसद निधि की राशि का उपयोग आपके संस्थान व आश्रम के शिक्षा संबंधी प्रकल्प में हुआ है। किसी भी धनराशि का इससे बेहतर उपयोग नहीं हो सकता है। उन्होंने वनवासी समुदाय के बच्चों को निरंतर आगे बढ़ने के लिए पिछले दो दशकों से किए जा रहे प्रयासों के लिए 'सेवा कुंज आश्रम' की टीम की सराहना की।
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