मुजफ्फरनगर में 30 बच्चों को जहरीला मिड-डे मील खिलाने के मामले में प्रधानाचार्य निलंबित, दो रसोइयों को भी हटाया

मुजफ्फरनगर में 30 बच्चों को जहरीला मिड-डे मील खिलाने के मामले में प्रधानाचार्य निलंबित, दो रसोइयों को भी हटाया
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बीबीपुर गांव के गवर्नमेंट कंपोजिट स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद 30 बच्चों की तबीयत खराब हो गई थी। मामले की जांच न हो सके, इसके लिए जहरीला खाना फेंक दिया गया। प्राथमिक शिक्षा विभाग ने मामले को बेहद गंभीर बताकर जांच शुरू कर दी है। पढ़िये रिपोर्ट...

उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले के गवर्नमेंट कंपोजिट स्कूल में जहरीला मिड-डे मील (Toxic Mid Day Meal) खाने से 30 से ज्यादा बच्चों की हालत खराब होने के मामले की जांच शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रधानाचार्य को गंभीर लापरवाही का जिम्मेदार पाया और निलंबित कर दिया है। साथ ही दो रसोइयों को भी हटा दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया कि बीबीपुर गांव के गवर्नमेंट कंपोजिट स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद 30 बच्चों की तबीयत खराब हो गई थी। बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि हमें मिड-डे मील में छिपकली मिलने की बात कही जा रही है। तीन अधिकारियों की जांच कमेटी गठित की है, जो मामले की जांच करके दो दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करेगी।

जहरीले भोजन का नमूना नहीं मिला

उन्होंने कहा कि हमें भोजन का नमूना नहीं मिला है क्योंकि किसी ने इसे फेंक दिया था। इसे किसने फेंका, इसकी भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह बड़ी लापरवाही है। स्कूल के प्रधानाचार्य को निलंबित करने के साथ ही दो रसोइयों को भी हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी 30 भर्ती बच्चों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। दो-तीन दिन में फूड सैंपलिंग रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच की जाएगी।

यह है मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीबीपुर गांव के गवर्नमेंट कंपोजिट स्कूल में बुधवार को मिड-डे मील में बच्चों को खिचड़ी परोसी गई थी। खिचड़ी खाने के बाद करीब 30 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। एक साथ इतने बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर हड़कंप मच गया। सूचना गांव में आग की तरह फैली। गुस्साए अभिभावक मौके पर पहुंचे और हंगामा करने लगे। बीएसए शुभम शुक्ला मौके पर पहुंचे। परिजनों ने आरोप लगाया कि मामले की जांच करके आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बीएसए ने बड़ी मुश्किल से अभिभावकों को शांत कराया और आला अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया। इसके बाद अब मामले में कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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