प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को बताया नैतिक भ्रष्ट, कहा पीड़ित परिवार को धमकी देकर कराया जा रहा है नार्को टेस्ट

हाथरस गैंगरेप कांड के बाद अब उनके पीड़ित परिवार के साथ जबरदस्ती, किसी से मिलने पर रोक, घर मैं कैद, प्रशासन की धमकी आदि के साथ प्रताड़ित की खबरें आ रही है। इस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार के हर एक हरकत पर तीखा हमला बोल रही है।
प्रियंका गांधी ने पीड़िता परिवार के नार्को टेस्ट का विरोध जाहिर की है। हालांकि इस टेस्ट से जनता भी नाखुश दिखाई दे रहे हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि योगी सरकार और उनके प्रशासन के द्वारा पीड़िता के परिजनों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
उन्हें घर में कैद कर दिया है और किसी से न मिले, इसके लिए पूरे गांव को पुलिस छावनी में बदल दिया गया। उनके परिवार को हर एक तरह से दबाव बनाया जा रहा है। अब सरकार उऩका नार्को टेस्ट करवाने पर उतर आई है, जो देश को ये व्यवहार मंजूर नहीं है।
नार्को टेस्ट पर प्रियंका गांधी का ट्वीट
प्रियंका ने ट्वीट करते हुए कहा कि यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है। पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है। अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा।
यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 3, 2020
पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है - अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा।
ये व्यवहार देश को मँजूर नहीं।
पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।
ये व्यवहार देश को मंजूर नहीं है। पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए। जबकि राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ UP सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं।
किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।
एसआईटी के सिफारिश पर टेस्ट करवाने का फैसला
दरअसल, योगी सरकार ने आरोपियों के साथ-साथ पीड़िता के परिजनों का पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट करवाने का फैसला लिया है। सरकार का कहना है कि इस जांच से मामले खुलकर सामने आएंगे। इस मामले की जांच कर रही पुलिस टीम का भी पॉलीग्राफी और नार्को टेस्ट किया जाएगा।
सरकार ने बताया कि एसआईटी ने सिफारिश की है कि इस घटना सभी चश्मदीद का नारको या पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएं। जिससे बयानों की सच्चाई परखी जा सकेगी। अब तक मामले में जितने भी सबूत मिले हैं, उन सब का भी साइंटिफिक जांच जरूरी है।
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