लखनऊ में जलाई गईं रामचरितमानस की प्रतियां, स्वामी प्रसाद मौर्या को मिला ओबीसी महासभा का समर्थन

बीते कुछ दिनों से रामचरित्रमानस पर विवाद रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले बिहार के एक मंत्री चंद्रशेखर ने इस पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरित्रमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। इस बयान को लेकर बीजेपी ने स्वामी प्रसाद मौर्य की कड़ी आलोचना की थी। बीजेपी के अलावा खुद सपा के नेताओं ने भी उनके बयान का विरोध किया था। लेकिन अब कुछ लोग ऐसे भी है, जो स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के समर्थन में आ गए हैं।
लखनऊ में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान रामचरित्रमानस की कुछ प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज किया गया। साथ ही रामचरित्रमानस पर बैन लगाने की भी मांग की। साथ ही साथ ये भी कहा कि या तो इसमें संशोधन कराया जाए नहीं तो जातिगत जनगणना कराई जानी चाहिए।
स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में आई ओबीसी महासभा
कुछ दिनों पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित्रमानस पर एक विवादित बयान दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि रामचरित्रमानस में कुछ ऐसी पंक्तिया हैं जो महिलाओं व दलितों के खिलाफ है। साथ ही इसे पूरी तरह से बकवास बताया था। ये बयान देने के बाद हिंदू समाज आक्रोशित हो उठा था और जगह-जगह उनके पुतले फूंके जा रहे थे। वहीं अब ओबीसी महासभा खुलकर स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में आ गया है।
महासभा ने रखी अपनी ये मांग
महासभा ने कहा है कि इसमें जो महिलाओं, शूद्रओं, दलित समाज और ओबीसी समाज के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणियां हैं, इन टिप्पणियों को रामचरित्रमानस से बाहर निकलवाना चाहते हैं। इसमें बदलाव करने पर ही विरोध शांत होगा, नहीं तो विरोध इसी तरह से जारी रहेगा।
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