UP: रामलीला मंचन में सीता हरण कर रहे रावण की हुई मौत, हनुमान ने भी तोड़ा दम, हैरान कर देगा लाइव वीडियो

अक्सर आपने सावर्जनिक जगहों पर दिल के दौरे से मौत की खबरें सुनी होंगी। आदमी कई बार हंसते-गाते, नाचते या खड़े-खड़े अपनी जान गंवा देता है। ऐसा ही कुछ मामला यूपी की दो रामलीलाओं में देखने को मिला, जहां रामायण के पात्रों का किरदार निभा रहे कलाकरों की रोल करते समय स्टेज पर ही मौत हो गई। अयोध्या (Ayodhya) जिले में रामलीला (Ram Leela) में रावण (Ravan)का किरदार निभा रहे एक कलाकार की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वहीं फतेहपुर (Fatehpur) जिले में रामलीला के लंका दहन प्रसंग के दौरान हनुमान (Hanuman)की भूमिका निभा रहे 50 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत (Death) भी दिल का दौरा पड़ने से हो गई। इन दोनीं की मौत की खबर जिसने भी सुनी वह चौंक गया।
सीता हरण के दौरान रावण की मौत
पहला मामला अयोध्या जिले की रुदौली कोतवाली के अंतर्गत ऐहार गांव का है। यहां चल रही रामायण में 60 वर्षीय कलाकार पतिराम रावण की भूमिका निभा रहे थे। सीता हरण के प्रसंग के दौरान उनके सीने दर्द उठा, उन्होंने अपना सीना पकड़ लिया। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, वह बेहोश होकर मंच पर गिर पड़े। तुरंत ही रामलीला रोक दी गई और पतिराम को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने उनकी मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया। मृतक के परिवार में पत्नी देवमती, दो बेटे और दो बेटी हैं, जिनमें से एक बेटी की शादी हो चुकी है। परिवार के सभी सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल है। पतिराम पिछले कई दशकों से रावण का किरदार निभा रहे थे और भगवान राम को अपना आदर्श मानते थे।
लंका को दहन करने से पहले ही हनुमान को आई मौत
फतेहपुर में लंका दहन करते 'हनुमान' को पड़ा हार्ट अटैक, मौत
— Ravi Pal (@Ravipal01) October 2, 2022
धाता थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सलेमपुर में बीती रात हुआ हादसा
50 साल के रामस्वरूप कई सालों से हनुमान का रोल करते आ रहे
लंकादहन के समय अचानक तख्त से गिरे फिर दोबारा होश न आया#रामलीला #Ramleela pic.twitter.com/2GAsxSO4ER
इसी तरह का एक मामला धाता थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव से सामने आया। गांव में नवरात्रि के अवसर पर देवी जागरण का कार्यक्रम चल रहा था। शनिवार की रात पंडाल में रामलीला का आयोजन किया गया। गांव के ही 50 वर्षीय रामस्वरूप हनुमान का किरदार निभा रहे थे। लंका दहन के प्रसंग के दौरान जब लंका में आग लगाने के लिए उनकी पूंछ पर आग लगाई गई, तो एक मिनट बाद ही उन्हें अटैक पड़ गया। वह तख्त से सिर के बल नीचे गिर गए। लोग जब तक दौड़कर उन्हें संभालते और अस्पताल ले जाते उनकी सांसें थम चुकी थीं। सलेमपुर गांव के प्रधान ने बताया कि रामस्वरूप फेरी लगाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। मौत के समय उनकी पत्नी और बेटी पंडाल में ही मौजद थीं। मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
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