Azamgarh By-election: सपा ने आजमगढ़ का अभेद किला जीतने को 'रचा चक्रव्यूह', सुशील आनंद को मैदान में उतारा, जानिये बीजेपी की रणनीति

Azamgarh By-election: सपा ने आजमगढ़ का अभेद किला जीतने को रचा चक्रव्यूह, सुशील आनंद को मैदान में उतारा, जानिये बीजेपी की रणनीति
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आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए डिंपल यादव का नाम दौड़ में था, लेकिन आज सुशील आनंद को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ऐसा चक्रव्यूह रचा है, जिससे उनका आजमगढ़ का उनका अभेद किला उनके ही पास रहे। पढ़िये यह रिपोर्ट...

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव (Azamgarh Lok Sabha by-election) के लिए सुशील आनंद (Sushil Anand) को प्रत्याशी घोषित किया है। वे पूर्व सांसद बलिहारी बाबू के पुत्र हैं। पहले चर्चा चल रही थी कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की धर्मपत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) को मैदान से उतारा जा सकता है, लेकिन आगे की रणनीति को ध्यान में रखते हुए सुशील आनंद को प्रत्याशी बना दिया गया है। बसपा (BSP) से शाह आलम गुड्डृ पहले से प्रत्याशी चुने जा चुके हैं, वहीं बीजेपी (BJP) से दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) का नाम सबसे आगे चल रहा है। आज शाम तक बीजेपी इस सीट पर अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव 23 जून को होगा। आजमगढ़ में कुल 19 लाख मतदाता हैं, जिनमें से साढ़े चार लाख से ज्यादा यादव वोट हैं। तीन लाख मुस्लिम और तीन लाख दलित वोट हैं। ऐसे में सपा ने मुस्लिम और यादव वोटों के साथ ही दलितों के वोटों को भी जोड़ने के लिए कदम उठाया है। सुशील आनंद पूर्व सांसद बलिहारी बाबू के बेटे हैं। बलिहारी बाबू बसपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे, लेकिन बाद में उन्होंने सपा जॉइन कर ली थी। अब सुशील आनंद को मैदान से उतारकर सपा ने ऐसा दांव खेला है, जिससे आजमगढ़ का अभेद किला यह सपा के पास ही रहे।

बसपा ने बनाया शाह आलम गुड्डू को प्रत्याशी

खास बात है कि बहुजन समाज पार्टी ने शाह आलम गुड्डू को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बसपा विधानमंडल दल के नेता रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली सपा में शामिल हो गए थे। उन्हें सपा की ओर से टिकट नहीं मिला तो वे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम में शामिल हो गए। उन्होंने चुनाव लड़ा, लेकिन हार मिली। चुनाव परिणाम आने के बाद अखिलेश यादव ने आजमगढ़ संसदीय सीट से इस्तीफा दिया और उसके बाद शाह आलम दोबारा से बसपा में शामिल हो गए। अब मायावती ने उन्हें आजमगढ़ उपचुनाव में पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया है।

बीजेपी के निरहुआ के नाम की चर्चा

उत्तर प्रदेश बीजेपी की बात करें तो अभी तक नाम घोषित नहीं किया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि देर शाम तक दिनेश लाल यादव निरहुआ के नाम की घोषणा हो सकती है। दरअसल, निरहुआ पिछले दो दिन से आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रचार करने में जुटे हैं। उन्होंने ट्वीट भी किया, जिससे कहा जा रहा है कि उनका प्रत्याशी चुने जाना तय है। बहरहाल, बीजेपी की सूची सामने आने का इंतजार है।

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