देश तभी तक लोकतांत्रिक रहेगा, जब तक ये हिन्दू बाहुल्य रहेगा : दत्तात्रेय होसबोले

देश तभी तक लोकतांत्रिक रहेगा, जब तक ये हिन्दू बाहुल्य रहेगा : दत्तात्रेय होसबोले
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भारत विभाजन के समय जो अत्याचार हुआ वैसा कहीं और नहीं हुआ। विभाजन कालीन भारत के साक्षी ग्रंथ विभाजन के दर्द को समझने में संदर्भ का काम करेगी। इस किताब को विभाजन के दौरान गवाह बने लोगों के इंटरव्यू के आधार पर लिखा गया है।

उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित सेक्टर-12 स्थित भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मंदिर में जागृति प्रकाशन द्वारा की तरफ से प्रकाशित 'विभाजन कालीन भारत के साझी' किताब का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने किया। इस किताब को कृष्णानंद सागर (Krishnanand Sagar) ने भारत विभाजन के दौरान दर्द झेलने वाले लोगों के इंटरव्यू के आधार पर लिखा हैं।

विमोचन समारोह के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabale) ने कहा कि पिछले दिनों देशद्रोह देश के साथ जुड़ गए। विश्व में कई देशों का विभाजन हुआ है, लेकिन जो भारत(India) में हुआ वह किसी भी देश में नहीं हुआ था। हिंदूओं (Hindus) पर अत्याचार किए गए। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय हजारों हिन्दू महिलाओं ने पद्मिनी का रूप धारण किया। साथ ही धर्मांतरण (conversion) का खेल भी खेला गया। जबरन धर्मांतरण आज भी कराया जा रहा है। जिहादी (jihadi) मानसिकता के लोग आज भी हैं और वे खूनी खेल खेलने से पीछे नहीं है।

उन्होंने कहा कि देश में जहां-जहां हिंदू की संख्या घटती हैं, वहां देशसेवा की भावना अपने आप ही कम हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि भारत तभी तक लोकतांत्रिक देश रहेगा जब तक ये हिन्दू बाहुल्य रहेगा। लेखक कृष्णानंद सागर ने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि धार्मिक (religious) उन्मादियों से देश की रक्षा करने वाले महान विभूतियों से किताब (Book) को लिखने की प्रेरणा मिली है। देश विभाजन के दौरान गवाह रहे 350 लोगों के इंटरव्यू किए गए। उन्हीं के द्वारा बताए गए तथ्यों के आधार पर ही किताब को लिखा गया हैं। विभाजन के समय मुस्लिम(Muslim) समाज ने हिंदूओं के विरोध में युद्ध की घोषणा की थी। वह आज भी किसी न किसी रुप में जारी हैं।

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