बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर फैसला के तहत कड़ी सुरक्षा, जिले से लेकर सोशल मीडिया पर पुलिस की नजर

28 से चला आ रहा उत्तर प्रदेश के बाबरी मस्जिद मामले में आज आखिरकार लखनऊ के सीबीआई विशेष अदालत अपना फैसला सुनाने जा रही है। इसमें आडवाणी-जोशी समेत कई बड़े नेताओं के नाम आरोपी के लिस्ट में शामिल है, जिस पर आज फैसला आना है।
इसके तहत अयोध्या से लेकर अन्य संवेदनशील जिलों में कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है। 6 दिसंबर 1992 का यह केस हिन्दू और मुस्लिमों को लेकर एक हिंसक और विवादित मामला है। जिसे देखते हुए सरकार ने लखनऊ से लेकर अयोध्या में पुलिस को अलर्ट रहने का आदेश दिया है।
आईजी के निर्देश पर अनेक जिलों में कड़ी सुरक्षा
इस आदेश के तहत सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर खास भी पुलिस की कड़ी नजर बनी हुई है। ताकि इस मामले पर सीबीआई का फैसला आने के बाद किसी भी तरह के हिंसक या सोशल मीडिया पर अफवाह ना फैलें।
सुरक्षाबलों की टीम ने फैसले से पहले डॉग स्कवॉड के साथ पूरे इलाके की छानबीन की। वहीं, अयोध्या को खास तौर पर पुलिस फोर्स से भर दिया गया है। साथ ही जगह-जगह पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और आने- जाने वाले लोगों को चेक किया जा रहा है।
इससे पहले मंगलवार को आईजी संजीव गुप्ता बाराबंकी में सुरक्षा का जायजा लेने गए थे। इसके बाद आईजी ने बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक समेत सभी अधिकारियों, थाना प्रभारियों के साथ मीटिंग कर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए।
बाबरी मस्जिद के तहत 32 लोगों को बनाया गया आरोपी
बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को घटित हुई बाबरी मस्जिद के तहत सीबीआई की विशेष अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी शामिल है।
इसके अलावा यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी के सीनियर नेता विनय कटियार समेत कुल 32 लोगों को आरोपी के घेरे में रखा गया हैं।
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