शामली की महापंचायत में उमड़ा जनसैलाब, जयंत बोले- दिल्ली हिंसा बीजेपी की साजिश

राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की ओर से आज शामली (shamli) के भैंसवाल गांव में बुलाई गई किसान महापंचायत (kisan mahapanchayat) में भारी भीड़ उमड़ी। जिला प्रशासन की अनुमति लिए बिना हुई इस महापंचायत में कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा गया। रालोद नेता जयंत चौधरी ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को भाजपा की साजिश बताया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा, वहीं ड्रोन से भी निगरानी रखी गई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हिंसा करने वालों के खिलाफ पुलिस ने तब कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने ऐसा जानबूझकर किया ताकि किसानों के आंदोलन को बदनाम किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसान विरोधी सरकार को आने वाले समय में परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि किसान जब ये कृषि कानून नहीं चाहती तो सरकार इसे लागू करने पर क्यों अड़ी है। सरकार को इतना अंहकारी नहीं होना चाहिए।
इससे पूर्व देश खाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि किसान एकता ही इस आंदोलन में जीत दिला सकती है। अगर किसान ने किसान का साथ नहीं दिया तो ये काले कानून लागू हो जाएंगे। हरियाणवी गायक अजय हुड्डा भी महापंचायत में शामिल होने पहुंचे। रालोद ने महापंचायत के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देकर प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया।आरएलडी नेताओं ने चेतावनी दी थी कि अगर अनुमति नहीं मिली तो भी यह महापंचायत होकर रहेगी। ऐसे में प्रशासन की ओर से जिले में धारा-144 लागू कर दी गई, लेकिन रालोद पीछे नहीं हटी।
शामली महापंचायत में सिंगर अजय हुड्डा... "मोदी जी थारी तोप कठे है हम दिल्ली आ गये"...!!
— Yudhvir Singh BKU (@YudhvirSingh_) February 5, 2021
इब मान लो सरकार... pic.twitter.com/QfOM7U1PWb
शामली के लिए निकलने से पहले रालोद नेता जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा, 'वो जानी मानी हस्तियां जो अपना दिमाग़ गिरवी रख कर #trollarmy के तरह एक जैसे tweet कर रहे हैं, पहले sovereignty की परिभाषा देख लें! राष्ट्र की शक्ति तब कमजोर होती है जब अन्नदाता पर सरकार जुल्म करती है। मित्रों, सरकार को क़ाबू में रखो, ना के सरकारी पार्टी के क़ाबू में खुद रहो! राष्ट्र की शक्ति तब कमजोर होती है जब अन्नदाता पर सरकार जुल्म करती है। मित्रों, सरकार को क़ाबू में रखो, ना के सरकारी पार्टी के क़ाबू में खुद रहो!
वो जानी मानी हस्तियां जो अपना दिमाग़ गिरवी रख कर #trollarmy के तरह एक जैसे tweet कर रहे हैं, पहले sovereignty की परिभाषा देख लें!
— Jayant Chaudhary (@jayantrld) February 5, 2021
राष्ट्र की शक्ति तब कमजोर होती है जब अन्नदाता पर सरकार जुल्म करती है।
मित्रों, सरकार को क़ाबू में रखो, ना के सरकारी पार्टी के क़ाबू में खुद रहो! pic.twitter.com/stNNPcjBma
केंद्र की ओर से लाए गए तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर यूपी के किसान भी मुखर हैं। दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली हिंसा के बाद आंदोलन को धीमा पड़ते देख जिस तरह से राकेश टिकैत के आंसू निकले, उससे विशेषकर यूपी में किसान महापंचायतों का दौर शुरू हो गया। मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर और मथुरा में हुई महापंचायतों में किसानों की भारी भीड़ उमड़ी। राष्ट्रीय लोकदल ने आह्वान किया था कि पांच फरवरी को शामली में होने वाली महापंचायत में भी किसान भारी संख्या में पहुंचे। हालांकि राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया है कि शामली की महापंचायत से भाकियू का कोई लेना देना नहीं है।
शामली में उमड़ा किसानों का ये सैलाब बता रहा है कि किसानों में कितना गुस्सा है और ये गुस्सा इतनी आसानी से दूर होनेवाला नहीं है।
— Yudhvir Singh (@YudhvirSinghBKU) February 5, 2021
सड़क की इस आवाज़ को दिल्ली के लुटियंस में बैठने वाले महाराजाओं के कानों तक पहुँचाने की लड़ाई जारी रहनी चाहिए। pic.twitter.com/lB1niPjTVi
दिल्ली की तरफ कर सकते हैं कूच
किसान संगठनों ने छह फरवरी को चक्का जाम करने की घोषणा की है। इसके मद्देनजर आज होने वाली महापंचायत में दिल्ली कूच का फरमान भी किया हो सकता है। किसानों ने पिछली महापंचायतों में यमुना एक्सप्रेसवे को जाम करने का भी फैसला लिया था। हालांकि भाकियू नेता राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश में भी चक्का जाम नहीं होगा, लेकिन यूपी से किसान गाजीपुर बॉर्डर की ओर कूच कर सकते हैं। ऐसे में पुलिस के साथ खुफिया विभाग भी सतर्क है।
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