Prayagraj Murder: साधु ने शिष्य को दिया गर्दन काटने का आदेश, कहा- हरिद्वार में जिंदा मिलूंगा, पढ़िये पूरा मामला

Prayagraj Murder: साधु ने शिष्य को दिया गर्दन काटने का आदेश, कहा- हरिद्वार में जिंदा मिलूंगा, पढ़िये पूरा मामला
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प्रयागराज के करछना में 11 दिसंबर को झाड़ियों में गला कटा शव बरामद हुआ था। अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

प्रयागराज के करछना में करीब एक सप्ताह पहले गला कटे शव की वारदात में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस का कहना है कि आरोपी खुद को मृतक का शिष्य बता रहा है और उसका कहना है कि उसने अपने गुरु के आदेश पर उनकी बलि दी थी। उसने यह भी कहा है कि उसके कथित गुरु ने मरने के बाद हरिद्वार में जिंदा मिलने की भी बात कही थी। पुलिस का मानना है कि कथित गुरु मानसिक रूप से बीमार लग रहा था। खास बात है कि आरोपी को भी अपने किए का जरा भी पछतावा नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रयागराज के करछना में 11 दिसंबर को झाड़ियों में गला कटा शव बरामद हुआ था। मृतक की शिनाख्त आशीष के रूप में हुई। परिजनों ने बताया कि आशीष पेशे से एडवोकेट था और इसके बाद उसने पार्टी भी बनाई थी। इसके लिए आशीष ने 30 लाख रुपये का कर्जा लिया था। परिजनों ने आरोप लगाया कि कर्जा देने वालों ने ही आशीष की हत्या की होगी।

पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पुलिस नीतीश तक पहुंच गई। पूछताछ की तो नीतीश ने बताया कि उसने अपने गुरु के कहने पर उनकी बलि दी है। उसने बताया कि उसकी मुलाकात अपने गुरु आशीष से हरिद्वार में हुई थी। उसने बताया कि उसके जीवन में काफी परेशानियां थीं। बातचीत में उसके गुरु ने भरोसा दिलाया कि अगर वो साथ रहकर सिद्धियां प्राप्त करेगा तो उसकी तमाम मुश्किलें हल हो जाएंगी।

इसके बाद से दोनों किराये के कमरे में साथ रहने लगे और जादू मंत्र करके पैसा कमा लेते थे। नीतीश ने बताया कि उसने अपना परिवार छोड़ दिया था और वो पूरी तरह से साधना में लीन हो गया। उसने बताया कि उसका गुरु आशीष भी साधना में लीन रहता। उसने बताया कि वारदात से एक दिन पहले गुरु ने उसे प्रयागराज जाने की बात कही। उसने बताया कि वो नहीं जानता था कि यहां पर उसके गुरु का परिवार रहता है। उसने बताया कि यहां पहुंचने के बाद रास्ते में वो रुके, जहां उसके गुरु ने अराधना की। इसके बाद उसने जैसा किया, वैसा वो करता चला गया।

उसने बताया कि प्रयागराज पहुंचने पर गुरु ने बताया कि उन्हें सिद्धियां मिल चुकी हैं, लेकिन एक सिद्धि प्राप्त करना बाकी है। इसके लिए तुम्हे मेरा गला काटना होगा। नीतीश ने बताया कि यह बात सुनकर वो सन्न रह गया और उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया। नीतीश ने कहा कि उसके गुरु ने कहा कि अगर वो पीछे हटता है तो इतनी कड़ी आराधना भंग हो जाएगी। उनकी बातें सुनकर वो तैयार हो गया। नीतीश ने बताया कि वहां उसके गुरु ने शराब पी और नींद की गोलियां खाईं। इससे पहले उसने यह भी बताया कि मैं हरिद्वार में जिंदा मिलूंगा, वहीं मिलेंगे। इसके बाद उसने तेजधार हथियार से अपने गुरु का गला काट दिया। इसके बाद गुरु के कहे अनुसार अपने मस्तक पर खून का तिलक लगा दिया और हथियार को गंगा में बहा दिया।

पुलिस ने बताया कि आरोपी नीतीश को अपने किए का पछतावा नहीं है। वो अभी भी यही मान रहा है कि कुछ ऐसी गलती हुई है, जिस कारण उसके गुरु जिंदा होकर नहीं लौटे हैं। पुलिस का कहना है कि विकास जहां मानसिक रूप से बीमार लगता है, वहीं नीतीश भी पूरी तरह ब्रेन वॉश नजर आता है। बहरहाल, इस खुलासे केवल पुलिस ही नहीं, बल्कि पीड़ित के तमाम परिजन भी सकते में हैं।

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