IPS अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में SIT का आरोप, कहा DGP के कारण जांच में हुई देरी

भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस के पांच अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए गए थे। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन आरोपों की जांच की जिम्मेवारी विशेष जांच दल यानी एसआईटी को सौंपी थी।
इस मामले में एसआईटी ने पूर्व डीजीपी ओपी सिंह पर आरोप लगाया है। एसआईटी ने कहा कि आईपीएस के पांच अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में देरी हुई है। इसका कारण है कि डीजीपी ने पेन ड्राइव देने में 19 दिन लगा दिए।
ओरिजिनल नहीं बल्कि पेन ड्राइव की कॉपी मिली थी-SIT
इस मामले की जांच को टालने के लिए डीजीपी ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। हालांकि देर होने के बावजूद भी एसआईटी टीम ने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 10 और 13 जनवरी 2020 को डीजीपी को पत्र लिखे थे।
इसके बाद पेन ड्राइव दी गई, जो ओरिजिनल नहीं थी बल्कि पेन ड्राइव की कॉपी दी गई। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग के लिए बड़े अधिकारियों को फायदा हुआ।
दो अधिकारियों पर हो चुकी है कार्रवाई
बता दें कि नोएडा के एसएसपी रह चुके वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों डॉक्टर अजयपाल शर्मा, हिमांशु कुमार, सुधीर सिंह, गणेश साहा, राजीव नारायण मिश्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद योगी सरकार ने एसआईटी ने जांच करवाने का आदेश दिए थे।
फिलहाल दो अधिकारियों अजयपाल शर्मा, हिमांशु कुमार के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। जबकि अन्य अधिकारियों के खिलाफ अभी कार्रवाई होनी बाकी है।
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