Sunday Special : ये छोटे राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव में कर सकते है उलट फेर, जानिए किसका होगा खास असर

Sunday Special : ये छोटे राजनीतिक दल विधानसभा चुनाव में कर सकते है उलट फेर, जानिए किसका होगा खास असर
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राजनीतिक रूप से बड़े और अहम राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 10 फरवरी से होने वाले अगामी विधानसभा चुनाव (Upcoming Assembly Elections) को लेकर सियासी हलचल तेज होती जा रही है।

राजनीतिक रूप से बड़े और अहम राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 10 फरवरी से होने वाले अगामी विधानसभा चुनाव (Upcoming Assembly Elections) को लेकर सियासी हलचल तेज होती जा रही है। तमाम राजनीतिक दल ( Political Parties) प्रदेश में सत्ता हासिल करने लिए हर संभव कोशिश कर रहे है।

भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) जहां चुनावी प्रचार जोर शोरों पर कर रही है, तो वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party), कांग्रेस (Congress), बहुजन समाज पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी दौरों और सम्मेलनों के जरिए प्रचार कर रही है। वही देश में 2014 की जीत के बाद से ही बीजेपी (bjp) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है।

बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्ष तमाम हथकंडे अपना रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस, सपा, बसपा जैसे विपक्षी दलों के अलावा कितने छोटे-छोटे राजनीतिक दल हैं, जो चुनाव में प्रभाव डाल सकते हैं। अगर आप नहीं जानते तो चलिए हम आपको बता देते हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी छाप छोड़ने वाले छोटे दलों की संख्या लगभग 10 से 15 के बीच है। इन दलों का आधार मुख्य रूप से जाति स्तर से लेकर स्थानीय स्तर तक है। ऐसे में ये दल निश्चित रूप से सीमित स्तर पर प्रभाव डालते हैं।

राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lok Dal) :- यह पार्टी मुख्य रूप से जाट समुदाय पर केंद्रित है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका हमेशा मजबूत आधार रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह सिकुड़ता जा रहा है। राष्ट्रीय लोक दल के संस्थापक पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पुत्र अजीत सिंह थे। वर्तमान में जयंत चौधरी पार्टी के मुख्य अध्यक्ष हैं।

भीम आर्मी (Bhim Army) :- इस विधानसभा चुनाव में संभावित गेम चेंजर मानी जा रही वह 'छोटी' पार्टी भीम आर्मी है। यह पार्टी मुख्य रूप से दलितों पर केंद्रित है और इस पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) हैं।

निषाद पार्टी (Nishad Party) :- पूर्वांचल के कुछ इलाकों में निषाद समुदाय बड़ी संख्या में रहता है। निषाद पार्टी की स्थापना 2016 में हुई थी। निषाद पार्टी का गठन निषाद जाति के सशक्तिकरण के लिए किया गया था।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) :- ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) की पार्टी इस बार सपा के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था और 4 सीटों पर जीत हासिल की थी.

अपना दल (Apna Dal) :- अपना दल कुर्मी केंद्रित पार्टी है। इस पार्टी ने पिछले चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन किया था और 2022 में भी साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में 9 सीटों पर कब्ज़ा किया था.

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