UP News: उत्तर प्रदेश के DGP बताएं कैदियों को सजा में छूट के लिए क्या कदम उठाए गए- सुप्रीम कोर्ट

UP News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पुलिस महानिदेशक (DGP) से राज्य में कैदियों को सजा में छूट का लाभ देने के लिए अब तक उठाए गए कदमों के बारे में विवरण देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से यह जानकारी देने को भी कहा कि प्रत्येक जिले की जेलों में कितने दोषी हैं, जो समय से पहले रिहाई के योग्य हैं। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ से साथ इस पीठ में न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा भी शामिल रहे। कोर्ट ने कहा कि इस मामले के फैसले के बाद से कितने मामलों में समय से पहले रिहाई के लिए विचार किया गया है?
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों के पास समय से पहले रिहाई के लंबित मामलों का विवरण मांगते हुए यह भी जानना चाहा कि इन पर कब तक विचार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को नोटिस जारी करते हुए आदेश दिया कि पुलिस महानिदेशक को तीन सप्ताह के भीतर आवश्यक जानकारी देते हुए अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करना होगा।
न्यायालय ने इस मामले में अदालत की सहायता के लिए वकील ऋषि मल्होत्रा को न्याय मित्र नियुक्त किया। इससे पहले शीर्ष अदालत ने एक फैसले में राज्य में आजीवन सजा काट रहे लगभग पांच सौ कैदियों की छूट पर असर डालने वाले कई निर्देश जारी किए थे।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि उम्रकैद की सजा काट रहे कैदियों की समय से पहले रिहाई के सभी मामलों पर राज्य की अगस्त 2018 की नीति के अनुसार विचार किया जाएगा। न्यायालय ने कहा था कि कैदियों को समय से पहले रिहाई के लिए आवेदन जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है और उनके मामलों पर जेल अधिकारियों द्वारा स्वत: विचार किया जाएगा।
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