यूपी में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा संभव, जानिये कितने संगीन अपराध किए 'बाहुबली' ने अपने नाम

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब की रोपड़ जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को दो हफ्तों के भीतर उत्तर प्रदेश की जेल में स्थानांतरित करने के आदेश दिया है। मुख्तार अंसारी को किस जेल में रखा जाए, इसका फैसला विशेष कोर्ट पर छोड़ दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को पंजाब सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अंसारी पर यूपी में कई ऐसे संगीन मामले दर्ज हैं, जिनमें उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा संभव है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के मुकद्दमे और उसकी कस्टडी ट्रांसफर याचिका पर सुनवाई की। पंजाब सरकार की दलीलों से असंतुष्ट कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दो हफ्तों के भीतर मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी की जेल में स्थानांतरित कर दिया जाए ताकि अंसारी वहां पर अपने खिलाफ दर्ज मुकद्दमे का सामना कर सके। कोर्ट ने कहा कि यह विशेष कोर्ट तय करेगी कि अंसारी को किस जेल में रखा जाएगा।
इससे पहले पंजाब सरकार के वकील दुष्यंत दवे ने दलील रखी थी कि मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश शिफ्ट करने की यूपी सरकार की मांग असंवैधानिक है। मुख्तार अंसारी पंजाब सरकार के लिए भी अपराधी है, लेकिन यूपी सरकार इस मामले में पंजाब सरकार पर गलत आरोप लगा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 3 मार्च को सुनवाई के दौरान कहा था कि अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल से अपना कारोबार संचालित कर रहा है। उन्होंने मुख्तार अंसारी को लेकर पंजाब सरकार के बचाव वाले रवैये पर भी सवाल उठाए थे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मुख्तार अंसारी को लेकर पंजाब में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर कई बार तीखा हमला बोल चुके हैं। अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार करने के दौरान भी सीएम योगी ने इस मुद्दे को बेहद आक्रामक तरीके से उठाकर कांग्रेस पर वार किया है। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्तों के भीतर मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी की जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है तो इसे पंजाब सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
हो सकती है उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा
प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार पर दस मुकदमे चल रहे हैं, जिनमें डबल मर्डर जैसे संगीन अपराध भी शामिल हैं। उसके खिलाफ चल रहे केसों में से मऊ डबल मर्डर केस की सुनवाई फाइनल स्टेज पर है। अगस्त 2009 में मऊ के यूनियन बैंक चौराहे पर ए कैटेगरी के बड़े ठेकेदार अजय प्रकाश उर्फ मन्ना सिंह हत्या कर दी गई थी। मन्ना की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि उसके साथी राजेश राय ने बाद में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। मुख्तार पर जेल से हत्या करने का आरोप लगा था।
इस मर्डर केस में मन्ना का मुनीम राम सिंह मौर्य चश्मदीद गवाह था। उसकी सुरक्षा के लिए सतीश नाम का एक गनर भी दिया गया था। साल भर के अंदर ही आरटीओ आफिस के पास राम सिंह मौर्य और गनर सतीश की भी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भी मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इस मुकदमे का ट्रायल अब आखिरी दौर में है और तीन-चार सुनवाई के बाद महीने-डेढ़ महीने बाद फैसला आ सकता है। इस मामले में मुख़्तार पर जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रचने का आरोप है।
इसके अलावा वाराणसी में कांग्रेस के नेता अजय राय के भाई की हत्या मामले में भी अंसारी पर केस दर्ज है। अंसारी पर हत्या का तीसरा मामला आजमगढ़ जिले में दर्ज है। इस केस में मुख्तार पर आरोप तय होना बाकी हैं। मुख्तार के खिलाफ चौथा मुकदमा हत्या प्रयास का है, जो कि गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था। इसके अलावा भी कई ऐसे केस दर्ज हैं, जिनका सामना अब इस बाहुबली अंसारी को करना होगा।
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