UP News: स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान पर दी सफाई, बोले- मैंने महिलाओं के सम्मान में बात की...

Swami Prasad Maurya: समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य अकसर अपने विवादित बयानों के चलते समाचार की सुर्खियों में बने रहते हैं। दिवाली के मौके पर मां लक्ष्मी को लेकर विवादित पोस्ट कर इस बीच फिर से विवादों में घिरे हैं। इसको लेकर बीजेपी उन पर हमलावर हो गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब अपने बयानों पर सफाई दी है।
उन्होंने कहा कि मैंने मुख्य रूप से 2 चीजों के बारे में बात की एक वैज्ञानिक सोच विकसित करने के बारे में और दूसरा महिलाओं को सम्मान देने के बारे में। उन्होंने कहा कि जो लोग इसकी निंदा कर रहे हैं वे स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध नहीं, बल्कि महिलाओं के सम्मान का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बीजेपी पर निशाने साधते हुए कहा कि बीजेपी वाले सबको दिखाने के लिए नारी सशक्तिकरण योजना, नारी वंदन योजना चला रहे हैं और फिर मेरे बयान को विवादास्पद बताकर उसकी निंदा कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि उनकी महिला सशक्तिकरण योजना महज दिखावा है।
दिवाली के दिन एक्स पर की थी पोस्ट
बता दें कि दिवाली के दिन स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा व सम्मान करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ, आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है?
यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें, जो सही मायने में देवी है, क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है। दिवाली पर अपने इसी पोस्ट को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य यूजर्स के निशाने पर आ गए।
बीजेपी ने साधा निशाना
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर बीजेपी यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने ट्वीट कर कहा था कि रामायण के अपमान पर चुप रहे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की माता महालक्ष्मी जी के अपमान पर भी चुप्पी ये साबित करती है कि सपा प्रमुख ने ही स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर सनातन हिंदू धर्म के अपमान का एजेंडा सौंप रखा है।
उन्होंने आगे लिखा कि ये भी साबित हो गई है कि सपा प्रमुख का खुद को हिंदू बताना, विष्णु जी और परशुराम जी का मंदिर बनवाने की घोषणा और अपने पूजा पाठ का प्रचार कराना सब ढोंग है। अपनी तुष्टीकरण की राजनीति के कारण सपा प्रमुख हिंदू धर्म का अपमान कराने से बाज नहीं आने वाले। स्वामी प्रसाद मौर्य तो मानसिक रूप से दिवालिया हो गए हैं। वास्तव में उनके बयानों में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ही की सोच है।सपा प्रमुख हिंदू धर्म और देवी देवताओं को अपमानित कराना बंद करें।
संजय निषाद ने भी बोला था हमला
वहीं, योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद ने भी मौर्य पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौर्य जहरीले बोल बोल रहे हैं। उनको पागलखाने में भेज देना चाहिए. बसपा में मलाई खाने के बाद अब वो सपा में चले गए हैं। समाजवादी को 'समाप्तवादी' पार्टी बनाने का काम कर रहे हैं।
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