Rakesh Tikait सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आए, कहा- बाबा फुल फॉर्म में हैं, बाकी आपकी ...

देश में किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का प्रमुख चेहरा रहे राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) दोबारा से आंदोलन खड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि जल्द ही किसान संगठन एकजुट होकर दोबारा से पहले की तरह दिल्ली की सीलाएं सील (Delhi Borders Sealed) करने के साथ पूरे देश में आंदोलन करेंगे। हालांकि इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार (Central Government) के खिलाफ कुछ ऐसा बोल दिया है, जिससे विशेषकर ट्विटर यूजर्स खासे नाराज हैं और कड़ी प्रतिक्रियाओं के साथ ही मजेदार कमेंट भी दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुजफ्फरनगर में किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान संगठन की बैठकों के साथ बैठक ली थी। इसके बाद उन्होंने कहा था जल्द किसान आंदोलन शुरू किया जाएगा, क्योंकि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई हैं। बैठक के बाद राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट भी लिखा। इस ट्वीट के बाद ही सोशल मीडिया यूजर्स भड़के नजर आए।
राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट पर लिखा, 'केंद्र सरकार एमएसपी पर कमेटी गठन के नाम पर छल करने का काम कर रही। एसकेएम से 3 नाम लेकर कमेटी का स्वरूप और योजना भी नहीं बताना चाहती। इस धोखे का जवाब फिर से देशभर में किसानों का आंदोलन कर दिया जाएगा।'
केंद्र सरकार एमएसपी पर कमेटी गठन के नाम पर छल करने का काम कर रही। एसकेएम से 3 नाम लेकर कमेटी का स्वरूप और योजना भी नहीं बताना चाहती। इस धोखे का जवाब फिर से देशभर में किसानों का आंदोलन कर दिया जाएगा। #kisan_andolan, #MHA, #ANI, #PTI, #ndtv, #news24
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) April 7, 2022
इसके बाद राकेश टिकैत ट्विटर यूजर्स के निशाने पर आ गए। पप्पू नामक यूजर ने लिखा, 'खबर आ रही है कि पिछली बार तो आप जैसों को छोड़ दिया गया था यूपी चुनाव के चलते। इस बार फिर से अराजकता करने की कोशिश भी ना करना। ...इतने डंडे पड़ेंगे कि अपना बक्कल नंबर भी नही याद रहेगा।'
विनय पांडे ने लिखा, 'टिकैत भैया ऐसा ना करो। अब फिर कहीं से फंडिंग हो रहा है क्या? यार तुमने तो रोजगार ही बना लिया इसे, लेकिन बार-बार ऐसा ना किया करो।' राष्ट्रवादी मोहित गहलोत नामक यूजर ने लिखा, 'टिकैत साहब थोड़ा ध्यान से (स्माइली) बाबा फूल फॉर्म है (स्माइली) कभी ऐसा ना हो, जो आपके पेट्रोल पंप और प्रॉपर्टी है, कभी उसका हिसाब-किताब करने लग जाएं बाबा (डबल स्माइली) देखलो में तो आपकी भलाई की बात कर रहा हूं, बाकी आपकी मर्जी।' उधर, कुछ यूजर्स ऐसे भी हैं, जो कह रहे हैं कि किसान आंदोलन की अहमियत तभी पता चलेगी, जब किसानों की जमीन को उद्योगपति हड़प लेंगे।
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